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Shattila Ekadashi 2020: षटतिला एकादशी शुभ मुहूर्त, व्रत विधि, पूजन सामग्री की List
षटतिला एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में हर तरह की सुख-सुविधाएं मिलती हैं. पर ये पूजन शुभ मूहर्त में, विधि अनुसार किया जाना चाहिए.
Shattila Ekadashi 2020: षटतिला एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में हर तरह की सुख-सुविधाएं मिलती हैं. पर ये पूजन शुभ मूहर्त में, विधि अनुसार किया जाना चाहिए.
Shattila Ekadashi 2020 Shubh Muhurat
षटतिला एकादशी इस बार 20 जनवरी, सोमवार को है.
एकादशी तिथि आरंभ- 20 जनवरी सुबह 2:51 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त- 21 जनवरी सबह 2:05 बजे तक.
Shattila Ekadashi 2020: षटतिला एकादशी पर तिल का महत्व, 6 तरीके से करें प्रयोग, जरूरी है दान
Shattila Ekadashi Pujan Samagri
फूल
फूलों की माला
नारियल
सुपारी
अनार
आंवला
लौंग
बेर
धूप
दीपक
घी
पंचामृत (कच्चे दूध, दही, घी, चीनी और शहद का मिश्रण)
अक्षत
कुमकुम
लाल चंदन
तिल से बने हुए मिष्ठान
Shattila Ekadashi 2020: षटतिला एकादशी तिथि, महत्व, व्रत कथा
Shattila Ekadashi Vrat Vidhi
षटतिला एकादशी के दिन स्नान करें. साफ वस्त्र धारण करें. श्री हरि विष्णु का स्मरण करें और व्रत का संकल्प लें. घर के मंदिर में श्री हरि विष्णु की मूर्ति या फोटो के सामने दीपक जलाएं.
भगवान विष्णु की प्रतिमा या फोटो को वस्त्र पहनाएं. प्रसाद व फलों का भोग लगाएं. षटतिला एकादशी के दिन काले तिल के दान का बड़ा महत्त्व है. भगवान विष्णु को पंचामृत में तिल मिलाकर स्नान कराएं. इस व्रत को रखने से आरोग्यता प्राप्त होती है. अन्न, तिल आदि दान करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है.
भगवान को धूप-दीप दिखाकर विधिवत् पूजा-अर्चना करें, आरती उतारें. पूरे दिन निराहार रहें. शाम के समय कथा सुनने के बाद फलाहार करें. रात में जागरण करें.
क्या कहते हैं शास्त्र
पुष्य नक्षत्र में गोबर, कपास, तिल मिलाकर उनके कंडे बनाना चाहिए. उन कंडों से 108 बार हवन करना चाहिए. उस दिन मूल नक्षत्र हो और एकादशी तिथि हो तो अच्छे पुण्य देने वाले नियमों को ग्रहण करें. स्नानादि नित्य क्रिया से निवृत्त होकर सब देवताओं के देव श्री भगवान का पूजन करें और एकादशी व्रत धारण करें. रात्रि को जागरण करना चाहिए.
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