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Sheetala Ashtami 2022: शीतला अष्टमी पर करें इन मंत्रों का जाप, यहां पढ़ें आरती

Sheetala Ashtami 2022: आज हिन्दुओं में शीतला अष्टमी व्रत रखा जाता है. इसे बसोड़ा भी कहा जाता है. ऐसे में जानते हैं इस दिन कुछ मंत्रों के जाप और आरती करनी जरूरी है. जानते हैं इनके बारे में...

Updated: March 25, 2022 9:08 AM IST

By Garima Garg

sheetala ashtami 2023

Sheetala Ashtami 2022: शीतला अष्टमी व्रत, जिसे बसोड़ा भी कहा जाता है, आज है. आज के दिन मान्यता है कि यदि कोई शीतला माता की विधि विधान (Sheetala Ashtami 2022 puja) से पूजा करे तो कई संक्रामक रोगों से छुटकारा मिल सकता है. जी हां, ये व्रत चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है. जो लोग आज के दिन ये व्रत रखते हैं उन्हें और उनके परिवार को संक्रामक रोग के साथ-साथ कोई अन्य रोग जैसे- फोड़ा, चेचक, चर्म रोग, छोटी माता आदि से छुटकारा मिल सकता है. चूंकि शीतला माता नीम के पत्तों के साथ-साथ झाड़ू, शीतल जल युक्त कलश आदि को अपने हाथों में धारण करती हैं ऐसे में आज के दिन इन चीजों के ज्यादा महत्व दिया जाता है. ऐसे में आज के दिन आरती और मंत्रों (Sheetala Ashtami 2022 Mantra) का भी काफी महत्व है. जानते हैं शीतला माता से जड़ीं आरती और जरूरी मंत्र…

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शीतला माता पूजा मंत्र

ओम ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः।

वन्दे अहं शीतलां देवीं रासभस्थां दिगम्बराम्,
मार्जनीकलशोपेतां शूर्पालंकृतमस्तकाम्।

शीतला माता की आरती

जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता,
आदि ज्योति महारानी सब फल की दाता।
जय शीतला माता…

रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भ्राता,
ऋद्धि-सिद्धि चंवर ढुलावें, जगमग छवि छाता।
जय शीतला माता…

विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता,
वेद पुराण बरणत पार नहीं पाता।
जय शीतला माता…

इन्द्र मृदंग बजावत चन्द्र वीणा हाथा,
सूरज ताल बजाते नारद मुनि गाता।
जय शीतला माता…

घंटा शंख शहनाई बाजै मन भाता,
करै भक्त जन आरति लखि लखि हरहाता।
जय शीतला माता…

ब्रह्म रूप वरदानी तुही तीन काल ज्ञाता,
भक्तन को सुख देनौ मातु पिता भ्राता।
जय शीतला माता…

जो भी ध्यान लगावें प्रेम भक्ति लाता,
सकल मनोरथ पावें भवनिधि तर जाता।
जय शीतला माता…

रोगन से जो पीड़ित कोई शरण तेरी आता,
कोढ़ी पावे निर्मल काया अन्ध नेत्र पाता।
जय शीतला माता…

बांझ पुत्र को पावे दारिद कट जाता,
ताको भजै जो नाहीं सिर धुनि पछिताता।
जय शीतला माता…

शीतल करती जननी तू ही है जग त्राता,
उत्पत्ति व्याधि विनाशत तू सब की घाता।
जय शीतला माता…

दास विचित्र कर जोड़े सुन मेरी माता,
भक्ति आपनी दीजे और न कुछ भाता।
जय शीतला माता…

शीतला माता की जय हो!!!

नोट – इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है. india.com इसकी पुष्टि नहीं करता है. अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें.

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