
Solar Eclipse 2020 Myths: जानें कितने सही हैं ग्रहण के दौरान गर्भावस्था से जुड़े ये मिथक
मान्यता है कि ग्रहण काल में यदि कोई गर्भवती महिला घर से बाहर निकलती है तो इसका असर उसके गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है.

नई दिल्ली: आज 21 जून यानी रविवार को साल का पहला सूर्य ग्रहण है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज का यह दिन काफी महत्वपूर्ण है. आज लगने वाला सूर्यग्रहण वलयाकार होगा. लयाकार उस स्थिति को कहते हैं जब चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य को नही ढक पाएगा. मतलब चंद्रमा, सूर्य को इस प्रकार से ढकता है, कि सूर्य का केवल मध्य भाग ही छाया क्षेत्र में आता है और पृथ्वी से देखने पर चन्द्रमा द्वारा सूर्य पूरी तरह ढका दिखाई नहीं देता बल्कि सूर्य के बाहर का क्षेत्र प्रकाशित होने के कारण कंगन या वलय के रूप में चमकता दिखाई देता है. आमतौर पर किसी भी ग्रहण के मौके पर लोगों खास सावधानी बरतने की सलाह दी जाती हैं. खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को. गर्भवती महिलाओं को किसी भी ग्रहण में कई नियमों का पालन करने को कहा जाता है. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर ना निकलने की सलाह दी जाती है. मान्यता है कि ग्रहण काल में यदि कोई गर्भवती महिला घर से बाहर निकलती है तो इसका असर उसके गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है. आपको बता दें कि यह सब धार्मिक मिथक होते हैं इनका अभी तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.
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वहीं, अगर ग्रहण की बात की जाए तो यह एक पैरा कॉस्मिक घटना होती है. जिसका अभी तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है कि इससे मनुष्यों पर क्या असर पड़ता है. कुछ स्टडीज में यह बात कही गई है कि चंद्र ग्रहण से व्यक्ति के बर्ताव और रक्तचाप में बदलाव होता है. लेकिन इस बात की वैज्ञानिकों ने कोई पुष्टि नहीं की है.
वहीं, अगर गर्भवस्था के दौरान ग्रहण ना देखने की बाद की जाए तो कुछ पुरानीी मान्यताएं है कि ग्रहण देखने से सूर्य या चंद्रमा की किरणें बच्चे पर पड़ने से उनको पैदायशी निशान, या मृत्यु की संभावनाएं भी हो सकती हैं. लेकिन यह बात सच नहीं है दरअसल, पहले समय में विज्ञान ने बहुत अधिक तरक्की नहीं की थी तो देश में अल्ट्रासाउंड मशीन उपलब्ध नहीं थी जिस कारण गर्भ में बच्चे में किस भी दिक्कत का पता नहीं चल पाता था. जिस कारण यदि बच्चा किसी दोष के साथ पैदा होता था तो इसका सारा दोष ग्रहण पर डाला जाता था. लेकिन अब साइंस ने खूब तरक्की कर ली है जिससे यह मिथक गलत साबित हुए हैं.
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान खाना खाने, पानी पीने, नहाने और घर सेबाहर निकलने की मनाही होती है. बता दें कि इस सभी मिथकों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. इसलिए जरूरी है कि आप ऐसी चीजों पर विश्वास करने से बचें. और सामान्य दिनों की ही तरह खाना पीना और सोना जारी रखें.
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