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पेड़-पौधे, झाड़ी, घास को देखकर जानें कौन सा प्‍लाट मकान बनाने के लिए खरीदना चाहिए या नहीं, ये हैं 10 वास्‍तु टिप्‍स

प्‍लाट पर या आसपास के उगे पेड़-पौधे, झाड़ी, घास को देखकर उसके संभावित शुभ और अशुभ के परिणाम देखना चाहिए

Published: April 28, 2022 6:30 AM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Laxmi Narayan Tiwari

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(फोटो प्रतीकात्‍मक)

वास्‍तु शास्‍त्र टिप्‍स:  किसी भी प्‍लाट पर घर- मकान या भवन निर्माण से पहले हमें भूमि का चयन करना होता है. इसके लिए वास्‍तुशास्‍त्र ने कई नियम निर्धारित किए हैं. इन्‍हीं में आज हम यहां पेड़-पौधे, झाड़ी, घास के आधार पर प्‍लाट की शुभता और अशुभता पर विचार करेंगे, जिससे आपको यह तय करने में मदद मिलेगी कि कौन सा प्‍लाट मकान बनाने के लिए खरीदना चाहिए या कौन सा नहीं खरीदना चाहिए. बता दें कि पहले ही हम आपको भूमि चयन के लिए उसके प्रकार से परिचित करवा चुके हैं. वास्‍तु शास्‍त्र के मुताबिक, उपयुक्‍त भूमि का चयन करते हुए उस जमीन पर उगने वाले या लगे हुए पेड़, पौधे, वृक्ष घास आदि को देखकर तय करना चाहिए कि कौन सा प्‍लाट या जमीन पर घर, मकान बनना शुभ होगा या नहीं…आइए यहां जानते हैं. कुछ वास्‍तु शास्‍त्र के 10 महत्‍वपूर्ण टिप्‍स….

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  1.   श्रेष्‍ठ भूमि का परीक्षण फलदार पौधों की दृष्टि से किया जा सकता है, जैसे जिस जमीन पर फलदार वृक्षों में से आम, अमरूद, आंवला, अनार, पपीता, पलास आदि के वृक्ष अधिक हो या उगते हों, उसे श्रेष्‍ठ भूमि माना जाता है.
  2.  जिस जमीन या प्‍लाट या खेत में फल-फूल खूब आते हों. पौधों की शाखाएं या लताएं आसानी से विकसित होती हों, उस मिट्टी को भी श्रेष्‍ठ फल देने वाली जमीन के वर्ग में माना जाता है.
  3.  जिस जमीन पर खट्टे या कड़वे फल वले वृक्ष नीम, बबूल, खेजड़ा आदि के वृक्ष हों तो वह मध्‍यम श्रेणी की मान जाता  है. यह न तो बहुत सकारात्‍मक परिणाम देते हैं और न ही बहुत नकारात्‍मक.
  4.  जिस जमीन पर झाड़ झंखाड़, काटेदार वृक्ष, सूखी घास, कंटली वृक्ष, बेर आदि के वृक्ष या पौधे हों तो उसे सामान्‍य भूमि कहते हैं. यह सामान्‍य परिणाम देती है.
  5.  जिस जमीन पर तुलसी का पौधा उगा हो, वहां भवन निर्माण सर्वोत्‍तम होता है.
  6.  जिस जमीन पर पीपल या वटवृक्ष उगे हों, वहां मकान निर्माण नहीं करना चाहिए. यदि ऐसी भूमि पर मकान बनवाया गया तो परिवार कभी भी सुखी नहीं रहेगा. अगर ये वृक्ष आपके प्‍लाट के आसपास भी हों तो भी वहां मकान नहीं बनवाना चाहिए.
  7. जिस मकान के पूर्व में पीपल का वृक्ष तो वह प्‍लाट उत्‍तम होता है (सामान्‍यतौर पर ये वृक्ष प्‍लाट पर नहीं होना चाहिए, लेकिन रखना हो तो इनकी ये दिशाएं होनी चाहिए) .
  8. अगर पश्चिम में बरगद का पेड़ हो, तो उत्‍तम है (सामान्‍यतौर पर ये वृक्ष प्‍लाट पर नहीं होना चाहिए, लेकिन रखना हो तो इनकी ये दिशाएं होनी चाहिए).
  9.  उत्‍तर में पाकड़ वृक्ष को होना उत्‍तम है. सामान्‍यतौर पर ये वृक्ष प्‍लाट पर नहीं होना चाहिए, लेकिन रखना हो तो इनकी ये दिशाएं होनी चाहिए)
  10.  यदि आप अपने मकान के खुले में वृक्ष लगाते हैं, तो यह ध्‍यान रखें कि पूर्व में बरगद, पश्चिम में पीपल दक्षिण में पाकड़ और उत्‍तर में गूलर वृक्ष पूर्णत: वर्जित है.    (नोट: भारतीय वास्‍तुशास्‍त्र के सिद्धांत प्राचीन वैदिक ज्ञान की परंपरा के प्रतिपादित स्‍थापत्‍य सिद्धांतों पर आधिरित नियम या अवधारणाएं हैं, जो पंचतत्‍व, पृथ्‍वी, आकाश, वायु, जल,
    अग्‍नि की शक्ति को संतुलित करने के नियमों पर आधारित है. इंडिया डॉटकॉम हिंदी किसी भी तरह की अंध विश्‍वास या रूढ़ि को बढ़ावा नहीं देता है. ) 

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