1/5 संस्कृति के साथ-साथ पुरानी राजशाही की भी झलक दुनिया भर में प्रसिद्ध 10 दिन चलने वाला मैसुरु दशहरा उत्सव बुधवार को भव्य जुलूस के साथ संपन्न हो गया. कोविड के कारण दो साल बाद पूरी भव्यता से आयोजित इस ‘नादा हाब्बा’ राजकीय उत्सव या दशहरा या ‘शारण नवरात्रि’ शारदीय नवरात्रि में कर्नाटक की समृद्ध संस्कृति के साथसाथ पुरानी राजशाही की भी झलक देखने को मिली.
2/5 750 किलोग्राम वजनी हौदे में कुलदेवी हजारों की संख्या में लोगों ने ‘जम्बू की सवारी’देखी. दर्जन भर हाथियों का नेतृत्व कर रहे अभिमन्यु के 750 किलोग्राम वजनी हौदे में मैसुरु के राजपरिवार की कुलदेवी माता चामुण्डेश्वरी की प्रतिमा रखी थी.दशहरे के अंतिम दिन भव्य जुलूस की शुरुआत मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने ‘नंदी ध्वज’ की पूजा करके की. जुलूस मकर लग्न के शुभ महूर्त में दोपहर 236 मिनट से 250 बजे के बीच अम्बा विलास महल से रवाना हुआ.