
हाईकोर्ट का बड़ा फैसला- पुलिस को अंतर धर्म शादी करने वाले दंपति को तुरंत रिहा करने का दिया आदेश
जस्टिस सोनिया गोकानी और संगीता विसेन की खंडपीठ ने मंगलवार को अपने आदेश के साथ घटनाओं पर नाराजगी व्यक्त की.

गांधीनगर: गुजरात उच्च न्यायालय ने एक महिला के परिवार की शिकायत पर बनासकांठा जिले के पालनपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एक अंतर-धर्म में विवाहित जोड़े की तत्काल रिहाई का आदेश दिया है. पालनपुर के 30 वर्षीय एक मुस्लिम व्यक्ति ने पिछले साल दिसंबर में कस्बे की 29 वर्षीय एक हिंदू युवती से शादी की थी.
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9 जनवरी को, युवती के पिता की शिकायत के बाद कि उसकी बेटी ने 82,000 रुपये चुराए और पहले से शादीशुदा मुस्लिम व्यक्ति के साथ भाग गई, पालनपुर पुलिस ने सूरत में रहने वाले दंपति को हिरासत में ले लिया. एक स्थानीय अदालत ने बाद में उन्हें चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया, जैसा कि पुलिस ने मांग की थी.
गिरफ्तारी के बाद, इस शख्स के भाई ने 18 जनवरी को हैबियस कॉर्पस पेटीशन के साथ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. उसने हाल ही में विवाहित अपने भाई की गिरफ्तारी को अवैध बताया. याचिका पर विचार करते हुए, उच्च न्यायालय ने स्थानीय मजिस्ट्रेट द्वारा जारी रिमांड आदेश को रद्द कर दिया और पालनपुर पुलिस को युगल को तुरंत रिहा करने के लिए कहा.
जस्टिस सोनिया गोकानी और संगीता विसेन की खंडपीठ ने मंगलवार को अपने आदेश के साथ घटनाओं पर नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि तथ्य काफी चौंकाने वाले हैं. यह भी देखा गया कि पालनपुर पुलिस ने ‘अंतर-धर्म विवाह’ के इस मामले से निपटने के दौरान ‘अनुचित व्यवहार’ दिखाया था.
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में, पुलिस महानिरीक्षक, बनासकांठा को निर्देश दिया कि वह पालनपुर पूर्व और पालनपुर पश्चिम पुलिस स्टेशनों के पुलिस निरीक्षकों के आचरण की जांच करें, जिनकी हिरासत में इन्हें कई दिनों तक रखा गया.
यह दंपति सूरत में रहता है. युवती का पति वहीं काम करता है. सरकारी वकील ने अदालत को आश्वासन दिया है कि सूरत के पुलिस आयुक्त को इस दंपति की सुरक्षा शुरुआती चार सप्ताह की अवधि के लिए सुनिश्चित करने के लिए कहा जाएगा.
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