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भावनगर: गुजरात के कई गांवों में ज़हरीली शराब से अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है. कई बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं. जबकि इलाज करा रहे 14 मरीज अस्पताल से भाग निकले. भावनगर जिला सरकारी अस्पताल ने अवैध शराब का सेवन करने वाले 14 मरीजों का पता लगाने और उन्हें वापस लाने के लिए बोटाद पुलिस से मदद मांगी है. भावनगर जिला सरकारी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. जयेश ब्रह्मभट्ट ने स्थानीय मीडिया को बताया, “मंगलवार दोपहर से बुधवार सुबह तक 13 से 14 मरीज अस्पताल से भाग चुके हैं. अस्पताल प्रशासन ने पुलिस के साथ मरीजों की सूची साझा की है और उन्हें वापस लाने का अनुरोध किया है ताकि उनका इलाज पूरा किया जा सके.”
जयेश ब्रह्मभट्ट ने कहा, “मरीजों को लगा होगा कि वे ठीक हो गए हैं और उन्हें आगे के इलाज की जरूरत नहीं है, इसलिए आधिकारिक छुट्टी की प्रतीक्षा करने के बजाय, उन्होंने अस्पताल छोड़ दिया है.” कांग्रेस प्रवक्ता मनहर पटेल ने आरोप लगाया, “अस्पताल के कर्मचारियों या सुरक्षा कर्मियों की भागीदारी के बिना यह संभव नहीं है. सरकारी अस्पताल में सभी महत्वपूर्ण प्रवेश और निकास द्वारों पर चौबीसों घंटे निजी सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं. एजेंसी की सेवाएं अस्पताल की रोगी कल्याण समिति द्वारा हायर की जाती हैं.”
उन्होंने मांग की कि केवल मरीजों को वापस लाने के बजाय भावनगर पुलिस को यह भी जांच करनी चाहिए कि क्या अस्पताल से कोई मरीजों को भागने में मदद करने में शामिल था? पटेल के अनुसार, 88 मरीज अवैध शराब के दुष्प्रभाव का इलाज करा रहे थे, जिनमें से सुबह तक 14 की मौत हो चुकी थी और सात की हालत गंभीर थी. इन सभी मरीजों को बोटाद जिले के बरवाला तालुका से इलाज के लिए लाया गया था.
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