Top Recommended Stories

कोरोना से हो गई थी परिजनों की मौत, मुआवजा लेने के लिए नॉमिनी बने घरवाले, अब खुद ही घोषित हैं मुर्दा

सरकारी सिस्टम का नया कारनामा यमुनानगर से सामने आया है. जिसमें सरकार ने कोरोना से मरने वालों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने का फैसला लिया था. इस दौरान यमुनानगर के 9 लोगों को सरकारी रिकॉर्ड में मृत दिखा दिया गया, जो कि जिंदा हैं.

Published: April 26, 2022 4:58 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Vikas Jangra

कोरोना से हो गई थी परिजनों की मौत, मुआवजा लेने के लिए नॉमिनी बने घरवाले, अब खुद ही घोषित हैं मुर्दा

सरकारी सिस्टम का नया कारनामा यमुनानगर से सामने आया है. जिसमें सरकार ने कोरोना से मरने वालों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने का फैसला लिया था. इस दौरान यमुनानगर के 9 लोगों को सरकारी रिकॉर्ड में मृत दिखा दिया गया, जो कि जिंदा हैं. अब यह लोग अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते हुए नजर आ रहे हैं.

Also Read:

किसी की पेंशन रुक गई तो कोई सरकारी योजना के लिए अप्लाई ही नहीं कर पाया. ये वो लोग हैं, जिनके परिवार के सदस्यों की कोरोना से मौत हुई है. परिवार के सदस्य की कोरोना से मौत पर मुआवजा लेने के लिए नॉमिनी बने थे. उन्हें सरकार से मुआवजा तो मिल गया लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में उन्हें मृत दिखाया गया. इन्हें तब पता चला जब परिवार पहचान पत्र की जरूरत पड़ी या फिर सरकारी योजना का लाभ मिलना बंद हो गया. परिवार पहचान पत्र से उनका नाम कट गया और इसके बाद इन लोगों ने सरकारी विभागों के चक्कर काटने शुरू किए तो मामला अधिकारियों तक पहुंच गया. अब इसकी जांच शुरू हो गई है लेकिन यह गलती किसके स्तर पर हुई है, ये तो जांच में ही साफ हो पाएगा. नगर निगम में नॉमिनी के लिए दस्तावेज दिए थे. जिसमें उसके मृत होने के प्रमाण पत्र डाल कर उसे मृत घोषित कर दिया गया है.

यमुनानगर की रहने वाली ज्योति वर्मा, के पति की करोना संक्रमण होने से मृत्यु हो गई थी. जिसके बाद सरकार की योजना के तहत 50 हजार की मिलने वाली राशि के लिए उन्होंने अपने दस्तावेज नगर निगम में जमा करवाए थे. बेटे को मिलने वाली राशि के लिए नॉमिनी के दस्तावेज नगर निगम में दिए थे, बाद में उन्हें पता चला कि उसे मृत घोषित कर दिया गया है. ज्योति वर्मा ने कहा कि इसके बाद उन्होंने संबंधित सभी ऑफिसों के चक्कर लगा लिए हैं लेकिन उनकी समस्या अभी तक हल नहीं हुई है. जिसके लिए उन्हें काफी परेशानियों का सामना भी अब करना पड़ रहा है. लेकिन अब अपनी गलती कोई भी मानने को तैयार नहीं हो रहा है.

उधर, यमुनानगर की एडीसी रंजीत कौर का कहना है कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है. जिसमें 9 लोग ऐसे हैं, जिनको मृत घोषित किया गया है. एडीसी की मानें तो यह गलती सिविल सर्जन ऑफिस लेवल पर हुई हो सकती है. अब इनके दस्तावेज सही करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. एडीसी रंजीत कौर ने भी कहा कि जिसे भी इस तरह की दिक्कत है, वह एडीसी ऑफिस में आकर संपर्क कर सकते हैं. अब इस मामले में सभी विभाग अपना-अपना पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहे हैं लेकिन सोचने वाली बात यह है कि सरकारी किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए कई तरह की प्रक्रिया से निकलना पड़ता है. ऐसे में ऐसी गलती होना कहीं ना कहीं सभी विभागों पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है.

(इनपुट- कुलवंत सिंह यमुनानगर)

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें हरियाणा की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

Topics

Published Date: April 26, 2022 4:58 PM IST