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Coronavirus: क्‍या कोरोना को मामूली फ्लू की तरह मानते हुए यूरोप के नक्‍शेकदम पर चलेगी दुनिया? विशेषज्ञों का क्या है मानना...

Coronavirus: कई पश्चिमी देश अब कोरोना के साथ-साथ जीने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और इसे केवल फ्लू मानने लगे हैं. यूरोपीय देश अब कोरोना के साथ ही जीने का अभ्यास करने की बात कह रहे हैं.

Published: January 16, 2022 5:36 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Parinay Kumar

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महाराष्ट्र कई देशों से आगे

Coronavirus: दुनिया बीते 2 साल से कोरोना की चपेट में है. कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए कई देशों में पाबंदियां लगी हुई हैं. कोरोना पर काबू पाने के लिए मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के साथ-साथ वैक्सीनेशन अभियान भी चलाया जा रहा है. इन सबके बीच समय-समय पर कोरोना के नए वेरिएंट भी चिंता बढ़ाते रहे हैं. हालांकि कई पश्चिमी देश अब कोरोना के साथ-साथ जीने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और इसे केवल फ्लू मानने लगे हैं. यूरोपीय देश अब कोरोना के साथ ही जीने का अभ्यास करने की बात कह रहे हैं. ताजा मामला स्पेन का है. स्पेन ने कोरोना से जुड़ी पाबंदियां कम करने का ऐलान कर दिया है.

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स्पेन में मास्क ही नहीं कोरोना वैक्सीन की अनिवार्यता को भी हटा लिया है. सरकार ने आधिकारिक बयान में कहा कि कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट महामारी को खात्मे की कगार पर ले जाएगा और यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. यूरोपीय देश धीरे-धीरे सख्ती कम कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि यह बीमारी भी अब सामान्य फ्लू की ही तरह है. सबको इसके साथ ही जीने का अभ्यास करना होगा. आयरलैंड और स्पेन में वैक्सीन को स्वैच्छिक कर दिया गया है. इसके बाद दूसरे यूरोपीय देश भी पाबंदियां हटाने के संकेत दे रहे हैं.

स्पेन के प्रधानमंत्री की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ओमिक्रॉन उतना खतरनाक नहीं है. इसमें लोगों को अस्पताल में रखने की जरूरत भी बहुत कम ही दिख रही है. हमें अब यह मानने में संदेह नहीं होना चाहिए कि यह महामारी अपने अंतिम स्वरूप की ओर जा रही है.

हालांकि इन सबके बीच यह सवाल उठ रहे हैं कि दो साल के कर्फ्यू, लॉकडाउन, मास्क और आवाजाही प्रतिबंधों के बाद क्या दुनिया वास्तव में एक कदम आगे बढ़ने और कोविड को फ्लू की तरह मानने के लिए तैयार है? हालांकि, भारत और दुनिया भर में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोरोना के खिलाफ सुरक्षा उपायों को छोड़ने के खिलाफ सख्ती से चेतावनी दी है, क्योंकि इस वायरस का वेरिएंट लगातार बदल रहा है.

WHO ने स्पष्ट रूप से कोरोना के प्रतिबंधों को छोड़ने के खिलाफ चेतावनी दी है. WHO प्रमुख टेड्रोस अदनोम ने हाल ही में कहा था कि ओमिक्रोन कोरोना के डेल्टा संस्करण से कम गंभीर है, हालांकि अभी भी लोगों की जान ले रहा विशेष रूप से उन लोगों की जिन्हें टीका नहीं लगावाया है. हालांकि, WHO ने खुद माना था कि यूरोप में ज्यादातर लोग नए वेरिएंट से संक्रमित होंगे.

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Published Date: January 16, 2022 5:36 PM IST