
ये हैं वो हर्बल चाय जो नींद से जुड़ी समस्याओं से लेकर पीरियड्स क्रैम्प और अस्थमा तक में लाभ पहुंचाती हैं
Herbal Teas: क्या आप चाय के शौकीन हैं? क्या आपकी सुबह एक कप गर्मागर्म चाय के बिना नहीं होती है? क्या आप हर्बल टी के शौकीन हैं? तो हम आपको ऐसी हर्बल टी के बारे में बता रहे हैं, जो आपको कई समस्याओं से मुक्ति दिलाएगी.

Herbal Teas: सर्दियों की ठंडी सुबह में एक कप गर्मागर्म चाय आपको तरोताजा करने के लिए काफी होती है. अगर चाय हर्बल टी हो तो फिर कहने ही क्या? हर्बल चाय की खुशबू न सिर्फ आपको तरोताजा रखती है, बल्कि कई तरह के स्वास्थ्य लाभ भी पहुंचाती है. यहां तक कि हम जिन चाय के बारे में यहां बात कर रहे हैं, उनमें से कुछ तो अपने स्वास्थ्यवर्धक गुणों के लिए ही जाने-पहचाने जाते हैं. यह चाय विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से लड़ने और ओवरऑल हेल्थ को सुधारने में लाभदायक होती हैं.
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पोषण विशेषज्ञों के अनुसार चाय के अनुभव को शान बनाने और उसमें स्ट्रॉन्ग टेस्ट लाने के लिए उसमें कई तरह के हर्ब्स डाले जाते हैं. यह चाय कई तरह से आपके लिए हेल्पफुल हो सकती हैं. फिर जाहे वह तनाव से मुक्ति दिलाना हो या पाचनक्रिया को सुधारना, नींद के चक्र में सुधार, सिरदर्द से छुटकारा, हृदय स्वास्थ को ठीक रखना, वजन कम करना और इम्युनिट बढ़ाना. तो चलिए जानते हैं कौन-कौन सी चाय आपके लिए किस तरह से लाभदायक हो सकती हैं.
कैमोमाइल टी – Chamomile Tea
कैमोमाइल टी बहुत ही गुणकारी होती है. विशेषतौर पर अगर आको नींद से जुड़ी समस्याएं हैं तो कैमोमाइल चाय आपकी बहुत मदद कर सकती है. कैमोमाइल चाय में कई ऐसे गुण होते हैं जो आपको जल्दी नींद आने और गहरी नींद लाने में मददगार होती है. कैमोमाइल टी में एपिजेनिन नाम का एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, यह आपके दिमाग में मौजूद खास तरह के रिसेप्टर को एक साथ लाने में मदद करता है, जिससे आप शांत और रिलेक्स महसूस करते हैं और आपको अच्छी नींद आती है. इस तरह से आपको कैमोमाइल टी के सेवन से अनिद्रा (Insomnia) से भी मुक्ति मिल सकती है.
लेकिन चेतावनी यह भी है कि आप इसे नींद लाने का एकमात्र उपाय न मान बैठें. अच्छी नींद के लिए आपको अपनी अन्य आदतों में भी सुधार लाना होगा और अपने सोने-जागने के शेड्यूल में सुधार करना होगा. कैमोमाइल चाय का सेवन रात को सोने से पहले करें तो अधिक लाभ होगा. आप चाहें तो कैमोमाइल के फूल को गर्म पानी में 2-3 मिनट तक रखकर इसे तैयार कर सकते हैं. इसके अलावा आजकल कैमोमाइल टी के टीबैग भी बाजार में आसानी से मिलते हैं.
अदरक की चाय – Ginger Tea
अदरक के कई गुणों के बारे में तो आप जानते ही होंगे. अगर आपको मितली आती है तो अदरक की चाय आपके लिए बहुत लाभदायक हो सकती है. इसमें जिंजरोल नामक तत्व होता है जो मितली और बेचैनी को दूर करने के लिए जाना जाता है. अदरक की चाय के सेवन से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मांसपेशियों को आराम देने के साथ ही गर्भावस्था के दौरान मोशन सिकनेस में भी राहत देती है. अदरक में सूजन और दर्द निवारक गुण होते हैं, इसलिए यह ऑस्टियोआर्थराइटिस व रुमेटाइड आर्थराइटिस जैसी स्थितियों में बहुत उपयोगी होता है. अदरक की चाय सुबह पीने की सलाह दी जाती है.
लेमनग्रास और अदरक चाय – Lemongrass and Ginger Tea
रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने वाले गुण लेमग्रास में पाए जाते हैं जो हमें एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक ट्रीटमेंट देता है. इसके अलावा अदरक में एंटी-डायबेटिक गुण होते हैं. लेमनग्रास और अदरक की चाय ब्लड शुगर के स्तर को कम करने के लिए जानी जाती है. इसके विकल्प के तौर पर आप मेथी और दालचीनी की चाय भी पी सकते हैं. लेमनग्रास और अदरक की चाय सुबह पीने से लाभ होता है. चाय बनाने के लिए लेमनग्रास के कुछ पत्तों को पानी में 8-10 मिनट के लिए उबालें और उसी में अदरक भी उबालकर बाद में छानकर पी लें.
हिबिस्कस टी – Hibiscus Tea
हिबिस्कस टी (गुडहल की चाय) में एनाल्जेसिक गुण होते हैं, जो मूत्राशय (Bladder) और गर्भाशय (Uterus) के आसपास की मांसपेशियों को आराम देता है, जिससे मासिक धर्म के दर्द से राहत मिलती है. हिबिस्कस टी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो सूजन और दर्द से राहत दिलाते हैं. हिबिस्कस की चाय के सेवन से ब्लड प्रेशर और कॉलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है. यह चाय पीने से शरीर में नमक और पानी के स्तर को नियंत्रित करने वाले एल्डोस्टेरोन हार्मोन को रेगुलेट करने में मदद मिलती है. इस हार्मोन का निर्माण एड्रेनल ग्लैंड में होता है. हिबिस्कस टी में मूत्रवर्धक गुण भी होते हैं. अगर आप चाहती हैं कि आपको इसके पूरे लाभ मिलें तो अपना मासिक धर्म शुरू होने से 7 दिन पहले इस चाय का सेवन करें. गुडहल के फूल को गर्म पानी में 5-7 मिनट तक उबालकर इसे चाय की तरह पिएं या आजकल बाजार में इसके टीबैग भी मिलते हैं.
तुलसी की चाय – Tulsi Tea
तुलसी की चाय में अस्थमा और ब्रोंकाइटिस को कंट्रोल करने वाले मेडिकल गुण होते हैं. इस चाय के सेवन से शरीर में एंटी-एलर्जिक फंक्शन में सुधार होता है और इम्यूनिटी बढ़ाने में लाभदायक होती है. तुलसी की चाय बोन मैरो की रक्षा करती है, जो इम्युनिटी को बढ़ाने वाले रेड ब्लड सेल और व्हाइट ब्लड सेल का निर्माण करता है. यदि आपको बुखार हो तो तुलसी की चाय पीने से पसीना आता है और चिंता व तनाव कम होता है. उससे शुगर लेवल भी कंट्रोल होता है. तुलसी की चाय दिन में किसी भी समय पी सकते हैं. उबलते पानी में 5-10 तुलसी की पत्तियां डाल दें और 5-7 मिनट उबालने के बाद छानकर शहद मिला लें और सेवन करें.
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