
इंसानों की तरह पालतु कुत्तों को भी पड़ती है टेस्टिंग की जरूरत, समय पर हो सकती है बीमारियों की पहचान
क्या आपको अपने पालतू कुत्ते से लगाव है? क्या आप उसे हमेशा सेहतमंद देखना चाहते हैं? तो ऐसे में बता दें कि इंसानों की तरह उसकी भी केयर करनी बेहद जरूरी है. जानते हैं कैसे...

अक्सर लोग कुत्ता पाल लेते हैं. लेकिन उसकी देखभाल करना उन्हें नहीं आती है जिसके कारण या तो कुत्ते समय से पहले मर जाते हैं या उन्हें कई बीमारियां अपनी चपेट में ले लेती हैं. बता दें कि जेनेटिक टेस्टिंग एक ऐसा विकल्प है जो ना केवल पालतू डॉग को कई बीमारियों से बचा सकता है बल्कि इससे संबंधित को जो सर्च भी सामने आई हैं. आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे की जेनेटिक टेस्टिंग कैसे पालतू कुत्तों के लिए मददगार साबित हो सकती है. पढ़ते हैं आगे…
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क्या कहता है शोध
हाल ही में एक शोध हुआ था, जिसके अनुसार 75% कुत्तों को जेनेटिक बीमारियों का खतरा रहता है. हालंकि बीमारियों की शुरुआत अलग-अलग होती है. ऐसे में जब हम इन बीमारियों का पता लगाने में सक्षम हो जाते हैं तो बीमारियों के रोकथाम के लिए उपचार कर पाते हैं. ऐसे में इन उपचारों के रूप में कुत्तों की डाइट में जरूरी पोषक संबंधित आवश्यकता को जोड़ा जाता है, दवाई दी जाती हैं, जीवन शैली में मामूली परिवर्तन किए जाते हैं, जिससे कुत्तों के जीवन की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है.
एक्सपर्ट की राय
इसके लिए हमने अर्बन एनिमल के फाउंडर अकाश मुरली से बात की, जिन्होंने हमें बताया कि जेनेटिक टेस्टिंग पालतू कुत्तों की देखभाल में मदद कर सकता है. उन्होंने बताया कि जब पालतू जानवरों में होने वाली बीमारियों का पता पहले से लगाया जा सकेगा तो उनका इलाज भी समय पर हो सकेगा, जिससे उनकी जान बचाई जा सकती है. बता दें कि जेनेटिक टेस्टिंग एक ऐसा ही विकल्प है जिससे ना केवल बीमारियों का पता लगाया जा सकता है बल्कि इससे समय रहते जान भी बचाई जा सकती है.
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