Health Tips: मोटापे से निपटने के लिए क्या आप भी लेने वाले हैं सर्जरी का सहारा, एक बार जान लें इसके साइड इफेक्ट्स

मोटापे से ग्रस्त युवक-युवतियों के लिए बैरिएट्रिक सर्जरी उन्हें बाहर से आकर्षक तो बना सकता है, लेकिन इससे आगे चलकर कई बड़े जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है.

Published: November 13, 2019 11:58 AM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Avinash Rai

Health Tips: मोटापे से निपटने के लिए क्या आप भी लेने वाले हैं सर्जरी का सहारा, एक बार जान लें इसके साइड इफेक्ट्स
प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: अक्सर आपने मोटापे से ग्रसित लोगों को सर्जरी कराते देखा होगा. मोटापे से ग्रस्त युवक-युवतियों के लिए बैरिएट्रिक सर्जरी उन्हें बाहर से आकर्षक तो बना सकता है, लेकिन इससे आगे चलकर कई बड़े जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सटीक देखरेख के अभाव में सर्जरी के बाद कई सालों तक मरीजों को कुपोषण और अन्य कई सारी शारीरिक दिक्कतें आ सकती हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक संतुलित जीवन, पोषक तत्वों का सेवन और व्यायाम के साथ बात बन सकती है.

बैरिएट्रिक सर्जरी का मतलब वजन कम करने के एक ऑपरेशन से है. अक्सर काफी लंबे समय से मोटापे का सामना करने वाले या मोटापे से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर और स्लीप एपनिया से पीड़ित लोगों को यह सर्जरी कराने की सलाह दी जाती है. वैसे तो बैरिएट्रिक सर्जरी कई तरह के हैं, लेकिन सर्जन सामान्यतौर पर तीन का उपयोग करते हैं – रॉक्स-एन-वाई गैस्ट्रिक बाईपास, वर्टिकल स्लीव गैस्ट्रेक्टॉमी और लैप्रोस्कोपिक एडजेस्टेबल गैस्ट्रिक बैंडिंग.

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सर्जरी से जठरांत्र क्षेत्र की संरचना में परिवर्तन लाया जाता है, जिसमें पेट और पाचनतंत्र भी शामिल रहता है. इस सर्जरी के बाद भूख कम लगने लगती है जिससे लोग भोजन का कम मात्रा में उपयोग करते हैं, जिससे वजन धीरे-धीरे कम होने लगता है. अब ऐसा करने के कई सारे साइड-इफेक्ट्स हैं जिनमें संक्रमण, अस्थि विकृति, रक्तल्पता, डायरिया, पोषण में कमी, पथरी, हार्निया, महिलाओं के लिए गर्भावस्था में परेशानी और समय से पहले बच्चे का जन्म जैसी कई समस्याएं शामिल हैं.

दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में मिनिमली इन्वेसिव सर्जरी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार फैजल मुमताज के मुताबिक, बैरिएट्रिक सर्जरी या मेटाबॉलिक सर्जरी मूल रूप से वजन कम करने वाली एक सर्जरी है और डायबिटीज को ठीक करने में भी यह मददगार है. मुमताज ने बताया, “ये या तो प्रबिंधक या प्रतिबंधक का एक संयोजन और पोषण तत्वों का कम मात्रा में अवशोषक हो सकता है. प्रतिबंधित बैरिएट्रिक सर्जरी पेट के आकार को कम कर देती है जिससे उपयोग की जाने वाली भोजन की मात्रा कम हो जाती है और कम खाने से ही पेट भरने लग जाता है.”

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मुमताज ने आगे बताया, “बैरिएट्रिक सर्जरी के बाद, जीवनशैली में बदलाव लाना बहुत जरूरी हो जाता है. इसमें स्वास्थ्यवर्धक भोजन का सेवन किया जाना चाहिए और एक संतुलित जीवनशैली अपनाई जानी चाहिए. वैसे और कोई खास सावधानी बरतने की जरूरत नहीं है, लेकिन बस एक बात दिमाग में रखने की जरूरत है और वह है व्यायाम व स्वास्थ्यवर्धक जीवन यापन को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना.”

(इनपुट-आईएएनएस)

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