नई दिल्ली: सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ की अराधना होती है. सोमवार के व्रत रखे जाते हैं. इस पूरे महीने सात्विक धर्म का पालन करने की परंपरा है. चूंकि रहन-सहन में भोजन का अहम स्थान है, इसलिए इसके बारे में भी काफी बातें बताई गई हैं. Also Read - Sawan 2020: सावन के आखिरी सोमवार पर भगवान शिव के दर्शन को उमड़े श्रद्धालु, देखें महाकाल की भस्म आरती
Also Read - Sawan Somvar 2019: भोलेनाथ के इस धाम में उमड़ा जनसैलाब, बम-बम भोले के लगे जयकारे...
सावन के व्रत और कथा के बारे में तो लगभग हर कोई जानता है. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि सावन के महीने में खानपान में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. हम बताते हैं. Also Read - 16 किलो सोने के आभूषण पहने कांवड़ यात्रा में शामिल हुए 'गोल्डन बाबा', पहले पहनते थे इतने किलो सोना
मौसंबी का जूस पीने से दूर होती है हर तरह की कमजोरी, मिलते हैं ये 10 फायदे…

ये तो आप जानते ही होंगे कि सावन में हरे रंग का खास महत्व होता है. लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इस दौरान हरे पत्तेदार सब्जियां खाना मना होता है.
कारण-
कहा जाता है कि हरि पत्तेदार सब्जियां शरीर में वात को बढ़ाती हैं. इसलिए इन्हें खाने से बचना चाहिए. वहीं, इसका अगर वैज्ञानिक कारण देखा जाए तो सावन का महीना बारिश का होता है और पत्तेदार सब्जियों में कीड़े मिलते हैं, इसलिए इनके सेवन से लोगों को बचना चाहिए.
तांबे के बर्तन का एक लीटर पानी देता है ये 7 फायदे, जानें क्या कहता है आयुर्वेद…

बैंगन की सब्जी खाने की मनाही होती है.
कारण-
इसके पीछे धार्मिक मान्यताएं हैं. इनके मुताबिक बैंगन को अशुद्ध सब्जी माना जाता है. इसलिए सावन के महीने में इसे खाने की मनाही होती है.
लिट्टी-चोखा से दिल की सेहत रहती है दुरुस्त, जानें खाने के 7 अचूक फायदे…

कच्चे दूध के सेवन की मनाही होती है.
कारण-
कहा जाता है कि कच्चा दूध भगवान को अर्पित किया जाता है, इसलिए इसका सेवन करने से बचना चाहिए.
गुड़-दूध के सेवन से बढ़ता है शरीर में खून, मिलती है हर दर्द से राहत…

सावन के दौरान कढ़ी भी खाने की मनाही होती है.
कारण-
कहा जाता है कि कढ़ी में प्याज और दूध से बनने वाली ही का इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इसे नहीं खाना चाहिए.
फल-सब्जियों से भी ज्यादा उपयोगी हैं इनके छिलके, ये हैं बेहतरीन फायदे

मांस मच्छी के सेवन की मनाही होती है. इसी तरह लहसुन, प्याज के सेवन से बचने को कहा जाता है.
कारण-
इस समय में तामसिक प्रवृत्ति के भोजनों को ना खाने की परंपरा इसका कारण है.
हेल्थ की और खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.