
Rare Disease Day: क्या है रेयर डिजीज? जानें इसका इतिहास और इस साल की थीम
Rare Disease Day Theme: अकसर लोग दुर्लभ रोगों के बारे में नहीं जानते हैं. ऐसे में वे अनदेखा कर बड़ी-बड़ी समस्याओं का सामना करते हैं. रेयर डिजीज डे पर जानें इससे जुड़ी जरूरी बातें. साथ ही जानें इस साल का थीम और महत्व...

Rare Disease Day Theme: हमारे देश में कई ऐसी बीमारियां हैं जिनके बारे में लोगों को पता ही नहीं है. इन दुर्लभ बीमारियों यानि रेयर डिजीज को लेकर लोगों के मन में जागरूकता की कमी है. ऐसे में बता दें कि हर साल 28 फरवरी को रेयर डिजीज डे (Rare Disease Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य है लोगों को रेयर डिजीज के बारे में जागरूक करना. साथ ही लोगों को अवेयर भी रखना. बता दें कि रेयर डिजीज डे की स्थापना यूरोपियन यूनियन ने साल 2008 में की. जानते हैं इस साल की थीम और इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातें…
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रेयर डिजीज डे की थीम
इस साल दुर्लभ रोग दिवस यानि रेयर डिजीज डे की थीम शेयर योर कलर (‘Share Your Colors’) तय की गई है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को दुर्लभ बीमारियों के प्रति जागरूक करना है.
जानते हैं दुर्लभ रोगों से जुड़ी जरूरी बातें
- दुर्लभ रोगों की असल वजह अनुवांशिक मानी जाती है. वहीं कुछ मामलों में बैक्टीरिया, वायरस, इंफेक्शन, एलर्जी इसके कारणों में से एक हैं. हालांकि आंकड़ों की मानें तो 50% दुर्लभ रोग के मामले बच्चों में देखे गए हैं.
- इसके लक्षण की बात करें तो अलग-अलग लक्षण देखे गए हैं. वहीं हर व्यक्ति को एक जैसे लक्षण भी नजर नहीं आते. यही कारण होता है कि इन रोगों का पता लगाने में देर हो जाती है और बाद में इलाज करवाने में दिक्कत महसूस होती है.
- रेयर डिजीज व्यक्ति का पूरा जीवन प्रभावित कर सकते हैं. ये रोग न केवल व्यक्ति की क्षमता को खत्म कर सकते हैं बल्कि उसके लिए जानलेवा भी साबित हो सकते है.
- दुर्लभ रोगों के उदाहरण की बात की जाए तो सिस्टिक फाइब्रोसिस एक ऐसी बीमारी है जो सांस या पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकती है. इससे अलग अन्य बीमारियों में मस्कुलर डिस्ट्रॉफी आदि शामिल हैं.
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