फेफड़ों का कैंसर : जानिए क्या है Lung Cancer, लक्षण, कारण, निदान और इलाज के बारे में भी समझें

फेफड़ों का कैंसर एक बहुत ही घातक बीमारी है. दुनियाभर में कैंसर से मरने वालों में सबसे अधिक संख्या फेफड़ों के कैंसर के मरीजों की होती है. जानें फेफड़ों का कैंसर क्या है, इसके लक्षण, कारण, निदान और इलाज क्या है.

Updated: February 3, 2023 4:22 PM IST

By Digpal Singh

फेफड़ों का कैंसर
फेफड़ों का कैंसर

फेफड़ों का कैंसर (Lung cancer) एक प्रकार का कैंसर है जो फेफड़ों में पनपता है. हमारे शरीर में फेफड़े बिल्कुल स्पंज की तरह होते हैं, जो सांस लेते समय ऑक्सीजन को अंदर लेते हैं और सांस छोड़ते समय कार्बन डाईऑक्साइड को शरीर से बाहर फेंकते हैं. ज्ञात हो कि दुनियाभर में कैंसर से होने वाली मौतों में फेफड़ों का कैंसर अग्रणी है. यानी कैंसर से होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा लोग फेफड़ों के कैंसर की वजह से मरते हैं. जो लोग धूम्रपान (Smoking) करते हैं उन्हें फेफड़ों का कैंसर होने का खतरा अधिक होता है. हालांकि, फेफड़ों का कैंसर उन लोगों को भी हो सकता है, जिन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया. आप कितने समय से धूम्रपान कर रहे हैं और नियमित तौर पर कितना धूम्रपान (कितनी सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू पी रहे हैं) करते हैं इस बात पर भी फेफड़ों का कैंसर निर्भर करता है. अगर वर्षों तक धूम्रपान करने के बावजूद आप इसे छोड़ देते हैं तो आपको फेफड़ों का कैंसर होने का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है.

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फेफड़ों के कैंसर के लक्षण – Symptoms Of Lungs Cancer

फेफड़ों का कैंसर भी अन्य कैंसर की ही तरह है. शुरुआत में इसके किसी तरह से लक्षण विकसित नहीं होते हैं. आमतौर पर फेफड़ों के कैंसर के लक्षण तब नजर आते हैं, जब यह एडवांस स्टेज में पहुंच जाता है. फेफड़ों के कैंसर के कुछ लक्षण निम्न हैं.

  • हाल में शुरू हुई खांसी, जो ठीक न हो रही हो
  • खांसी में खून आना, भले ही बहुत कम आ रहा हो
  • सांस लेने में दिक्कत
  • सीने में दर्द
  • कर्कश आवाज
  • बिना किसी वजह के वजन कम होना
  • हड्डियों में दर्द होना
  • सिर दर्द

डॉक्टर को कब दिखाएं – When to see a doctor

अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षणों से कोई भी लक्षण नजर आता है तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाकर अपनी जांच करानी चाहिए. अगर नॉर्मल फिजीशियन से इलाज कराने के बावजूद लक्षण दूर नहीं हो रहे हैं तो ह चिंता का विषय है. ऐसे में आपको फेफड़ों के कैंसर के लिए जांच करवानी चाहिए. अगर आप धूम्रपान करते हैं और बड़ी कोशिशों के बावजूद इस आदत से छुटकारा नहीं पा रहे हैं तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. डॉक्टर धूम्रपान छोड़ने के लिए आपको कुछ तरीके बताएंगे, काउंसिलिंग करेंगे और दवाओं के साथ ही निकोटीन रिप्लेसमेंट प्रोडक्ट की मदद से आपको धूम्रपान की आदत से छुटकारा दिलाएंगे.

क्यों होता है फेफड़ों – Causes of Lungs Cancer

फेफड़ों के कैंसर का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान ही है. जो लोग स्वयं धूम्रपान करते हैं और जो लोग धूम्रपान करते हैं यानी सेकेंडहैंड स्मोकर्स दोनों ही फेफड़ों के कैंसर का शिकार हो सकते हैं. हालांकि, जैसा हमने ऊपर बताया कि जिन लोगों ने कभी धूम्रपान नहीं किया, वह भी फेफड़ों के कैंसर का शिकार हो सकते हैं. जो लोग लंबे समय तक सेकेंड हैंड स्मोक नहीं करते हैं, उन्हें भी फेफड़ों का कैंसर हो सकता है. इस तरह से कहा जा सकता है कि फेफड़ों के कैंसर का कोई स्पष्ट कारण नहीं है.

डॉक्टरों का मानना है कि धूम्रपान की वजह से फेफड़ों का कैंसर होता है. क्योंकि इससे फेफड़ों में मौजूद कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है. जब आप धूम्रपान करते हैं तो उस धुंए के साथ कैंसर पैदा करने वाले पदार्थ यानी कार्सिनोजेन्स फेफड़ों में जाते हैं और तुरंत ही फेफड़ों के उत्तकों में परिवर्तन लाना शुरू कर देते हैं. शुरुआत में आपका शरीर इन बदलावों को रिपेयर करने में सक्षम होता है. लेकिन जैसे-जैसे आप लगातार धूम्रपान करने लगते हैं इससे फेफड़ों की कोशिकाओं को नुकसान बढ़ते चला जाता है. आगे के दौर में यह नुकसान पहुंचने की वजह से कोशिकाएं असामान्य व्यवहार करने लगती हैं और आखिरकार फेफड़ों का कैंसर विकसित होता है.

कैंसर के प्रकार – Types of lung cancer

डॉक्टर फेफड़ों के कैंसर को दो प्रमुख प्रकारों में बांटते हैं. फेफड़ों के कैंसर की कोशिकाएं माइक्रोस्कोप में किस प्रकार दिखती हैं, उसके अनुसार ही लंग कैंसर को दो हिस्सों में बांटा जाता है. आपको किस तरह के फेफड़ों का कैंसर है, उसके अनुसार ही आपके डॉक्टर आपका इलाज शुरू करते हैं. दो प्रकार के फेफड़ों के कैंसर निम्न हैं –

स्मॉल सेल लंग कैंसर – जो लोग बहुत अधिक धूम्रपान करते हैं (Chain Smokers) को खासतौर पर स्मॉल सेल लंग कैंसर होता है. इस प्रकार का फेफड़ों का कैंसर बहुत कम ही लोगों को होता है.

नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर – कई प्रकार के फेफड़ों के कैंसर के लिए नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर एक प्रकार का अमरेला टर्म है यानी इसके अंदर कई तरह के लंग कैंसर को रखा जाता है. नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर में स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (Squamous Cell Carcinoma), एडेनोकार्सिनोमा (Adenocarcinoma) और लार्ज सेल कार्सिनोमा (Large Cell Carcinoma) भी आते हैं.

फेफड़ों के कैंसर का निदान – Diagnosis of Lungs cancer

किसी भी बीमारी का सही तरह से इलाज हो इसके लिए जरूरी है कि उसका निदान ठीक तरह से हो. एक बार बीमारी को ठीक से पहचान लिया जाता है तो डॉक्टरों को उसके इलाज की रूपरेखा तय करने में आसानी होती है. अगर आपको लगता है कि आपको फेफड़ों का कैंसर हो सकता है तो आपको नियमित तौर पर लो-डोज सीटी स्कैन का इस्तेमाल करके एनुअल लंग कैंसर स्क्रीनिंग करवानी चाहिए. आमतौर पर लंग कैंसर स्क्रीनिंग उन बुजुर्गों के लिए जरूरी होती है, जिन्होंने लंबे समय तक धूम्रपान किया है और जिन्होंने पिछले 15 वर्षों में धूम्रपान करना छोड़ा है. अगर आपको लगता है कि आप खतरे में हैं तो आपको इस संबंध में अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए और उनके साथ मिलकर लंग कैंसर स्क्रीनिंग के बारे में विचार करना चाहिए. फेफड़ों के कैंसर का निदान करने के लिए निम्न टेस्ट किए जा सकते हैं.

  • एक्सरे
  • सीटी स्कैन
  • स्प्यूटम साइटोलॉजी
  • बायोप्सी (टिश्यू सैंपल)

इन टेस्ट के माध्यम से जब यह स्पष्ट हो जाता है कि फेफड़ों का कैंसर है तो फिर डॉक्टर कैंसर का स्टेज और इलाज की प्रक्रिया के बारे में जानने के लिए कई अतिरिक्त टेस्ट करवा सकते हैं. स्टेज के बारे में जानने के लिए सीटी, एमआरआई, PET और बोन स्कैन की मदद ली जा सकती है. हर तरह का टेस्ट हर व्यक्ति के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता, इसलिए अपने डॉक्टर से इस बारे में विस्तार से बात करें. फेफड़ों के कैंसर की स्टेज नंबर में 0 से 4 तक होती है. जहां स्टेज 1 का मतलब है कि कैंसर अभी फेफड़ों तक ही सीमित है और स्टेज 4 का मतलब यह बहुत ही एडवांस स्तर पर है और शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल गया है.

फेफड़ों के कैंसर का इलाज – Treatment of Lungs Cancer

आप और आपके डॉक्टर विभिन्न कारकों के आधार पर फेफड़ों के कैंसर के इलाज की योजना बनाते हैं. इसमें आपकी ओवरऑल हेल्थ, कैंसर का प्रकार, कैंसर किस स्टेज का है और आपकी इलाज की प्राथमिकताएं क्या हैं यह सभी निर्भर करती हैं. कुछ मामलों में आप इलाज नहीं करवाते हैं. ऐसा तब होता है, जब आपको लगता है कि इलाज कराने से होने वाले साइडइफेक्ट इससे होने वाले फायदों से ज्यादा हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में आपके डॉक्टर आपको सलाह दे सकते हैं कि आप घर पर रहकर फेफड़ों के कैंसर के लक्षणों जैसे दर्द और सांस लेने में दिक्कत का इलाज करें.

फेफड़ों के कैंसर में सर्जरी – Surgery in Lungs Cancer

फेफड़ों के कैंसर की सर्जरी के दौरान आपके डॉक्टर फेफड़ों में मौजूद कैंसर कोशिकाओं को काटकर निकाल देते हैं. इसी के साथ उसके आसपास मौजूद कुछ स्वस्थ कोशिकाओं को भी निकाला जाता है, ताकि किसी भी तरह से कैंसर कोशिकाओं के बचे रहने की उम्मीद बची न रहे. अगर आपका कैंसर फेफड़ों तक ही सीमित है तो सर्जरी एक विकल्प हो सकता है. इसके अलावा अगर फेफड़ों का कैंसर काफी अधिक फैला हुआ है तो सर्जरी से पहले कीमोथेरेपी और रेडिएशन की मदद से इसके फैलाव को कम किया जा सकता है. इसके अलावा अगर सर्जरी के बाद भी डॉक्टरों को लगता है कि कैंसर के सेल बाकी रह सकते हैं या कैंसर वापस आ सकता है तो ऐसी स्थिति में भी डॉक्टर सर्जरी के बाद कीमोथेरेपी व रेडिएशन की सिफारिश कर सकते हैं.

टार्गेटिड ड्रग थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी की मदद से भी फेफड़ों के कैंसर से मरीज को मुक्ति दिलाई जाती है.

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Published Date: February 3, 2023 2:15 PM IST

Updated Date: February 3, 2023 4:22 PM IST