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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल (BSNL) के पुनरुद्धार के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी. पैकेज के तीन हिस्से हैं- सेवाओं में सुधार, बहीखातों को मजबूत करना और फाइबर नेटवर्क का विस्तार. दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए फैसले के बारे में पत्रकारों को बताया कि सरकार बीएसएनएल को 4जी सेवाओं की पेशकश करने के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित करेगी. उन्होंने कहा, ‘‘हम बीएसएनएल को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’’ दूरसंचार एक रणनीतिक क्षेत्र है, जहां सरकार बीएसएनएल की मदद के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा, ‘‘बीएसएनएल को 2019 में दिए गए पहले पुनरुद्धार पैकेज से कंपनी में स्थिरता आई और इसके बाद उसने परिचालन लाभ दर्ज किया. आज के 1,64,156 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज के साथ बीएसएनएल एक व्यवहार्य इकाई बनेगी.’’ बीएसएनएल निजी कंपनियों के हाथों तेजी से बाजार हिस्सेदारी खो रही है और अगर प्रौद्योगिकी तथा सेवाओं के उन्नयन के लिए सरकारी मदद नहीं मिलती, तो वह गहरे संकट में फंस जाती.
वैष्णव ने कहा कि बीएसएनएल के 33,000 करोड़ रुपये के वैधानिक बकाये को इक्विटी में बदला जाएगा. साथ ही कंपनी इतनी ही राशि (33,000 करोड़ रुपये) के बैंक कर्ज के भुगतान के लिये बॉन्ड जारी करेगी. उन्होंने बताया कि पैकेज में 43,964 करोड़ रुपये का नकद हिस्सा शामिल है. पैकेज के तहत 1.2 लाख करोड़ रुपये गैर-नकद रूप में चार साल के दौरान दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने बीएसएनएल और भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (बीबीएनएल) के विलय को भी मंजूरी दी.
मंत्री ने कहा कि 4जी सेवाओं की पेशकश के लिए बीएसएनएल को स्पेक्ट्रम का प्रशासनिक आवंटन किया जाएगा. इसके तहत 900/1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम का आवंटन इक्विटी निवेश के जरिये किया जाएगा, जिसकी लागत 44,993 करोड़ रुपये होगी. उन्होंने कहा कि सरकार 4जी प्रौद्योगिकी का ढांचा विकसित करने के लिए अगले चार साल के दौरान 22,471 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय करेगी.
वैष्णव ने कहा, ‘‘पुनरुद्धार पैकेज से बीएसएनएल को सेवाओं में सुधार करने और 3-4 वर्षों में शुद्ध लाभ दर्ज करने में मदद मिलेगी. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी अगले एक-डेढ़ साल में 5जी सेवाएं शुरू करेगी.’’ इसके अलावा सरकार बीएसएनएल को 2014-15 से 2019-20 के दौरान व्यावसायिक रूप से अव्यवहार्य ग्रामीण वायरलाइन संचालन के लिए 13,789 करोड़ रुपये देगी. उन्होंने कहा कि भारतनेट के तहत स्थापित बुनियादी ढांचे के व्यापक उपयोग के लिए बीबीएनएल का बीएसएनएल में विलय किया जाएगा.
भारतनेट के तहत बना बुनियादी ढांचा एक राष्ट्रीय संपत्ति बना रहेगा, जो सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को बिना किसी भेदभाव के उपलब्ध होगा. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के दूरदराज के गांवों में 4जी मोबाइल सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए 26,316 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली एक परियोजना को भी मंजूरी दी है. एमटीएनएल और बीएसएनएल के विलय पर वैष्णव ने कहा कि इसकी योजना है लेकिन ‘‘इसके लिए जटिल वित्तीय पुनर्गठन की जरूरत है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘काफी काम बाकी है, इसलिए इसे चरण-दर-चरण आधार पर आगे बढ़ाया जाएगा.’’
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