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EXCLUSIVE: खार्किव में धमाकों और खौफ के बीच फंसे हरियाणा के छात्र, सुनाई आपबीती

यूक्रेन के उत्तर-पूर्वी शहर खार्किव में हरियाणा के कैथल शहर के 13 छात्र फंसे हुए हैं. इनमें से एक छात्र अंकित शर्मा ने व्हॉट्सएप कॉल के जरिए 'INDIA.COM' को अपनी आपबीती सुनाई और खार्किव की स्थिति के बारे में बताया।

Updated: February 25, 2022 3:34 PM IST

By Lalit Fulara

EXCLUSIVE: खार्किव में धमाकों और खौफ के बीच फंसे हरियाणा के छात्र, सुनाई आपबीती

Russia Ukraine Crisis: यूक्रेन  के उत्तर-पूर्वी शहर खार्किव में हरियाणा (Haryana) के कैथल (Kaithal) शहर के 13 छात्र फंसे हुए हैं. इनमें से एक छात्र अंकित शर्मा (Indian Student in Ukraine) ने व्हॉट्सएप कॉल के जरिए ‘INDIA.COM’ को अपनी आपबीती सुनाई और खार्किव की स्थिति के बारे में बताया। उन्होंने भारत सरकार से जल्द सुरक्षित निकालने की गुहार भी लगाई. अंकित ने कहा कि इस वक्त खार्किव सिटी का जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है और सड़कों पर एकदम सन्नाटा पसरा हुआ है.

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हर आधे घंटे में रह-रहकर बमबारी और विस्फोट की आवाज सुनाई दे रही है. सभी भारतीय छात्र यहां डर एवं खौफ के साये में जीने को मजबूर हैं. एकदम से कैश की डिमांड बढ़ गई है. हालांकि खाने-पीने के सामान लाने के लिए सुपरमार्केट खुली हुई है. उन्होंने कहा, ”मैं कल रात अपना बोरिया-बिस्तर एवं खाने का सामान लेकर बंकर में सुरक्षित बचने के लिए चले गया था और अभी बाहर की स्थित देखने के लिए अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन से बाहर निकला हूं.

बंकर से बाहर आकर ‘INDIA.COM’  से की बातचीत

अंकित शर्मा कैथल के रहने वाले हैं. वह तीन साल पहले एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए खार्किव गये थे। उस वक्त यह शहर बेहद खूबसूरत था, लेकिन इस वक्त हर आधे घंटे में विस्फोट की आवाज डरा रही है. अंकित शर्मा ने जब हमसे बातचीत की उस वक्त वह अपने बंकर से बाहर निकलकर सड़क पर आये हुए थे. उन्होंने कहा, ‘यहां चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ है और कैश की काफी दिक्कत हो रही है. इंटरनेट की भी समस्या से जूझना पड़ रहा है. इस वक्त थोड़ा शांति है और विस्फोट की आवाज नहीं आ रही है.

परिवार के साथ अंकित शर्मा

उन्होंने बताया कि खार्किव शहर यूक्रेन की सीमा के सबसे नजदीक है. यहां कल रात काफी एयर स्ट्राइक हुई है और हर आधे घंटे में जोर से विस्फोट की आवाज सुनाई दे रही थी. चारों तरफ धुआं और आग दिख रहा था. अंकित ने कहा, ”अगर आप किसी ऊंची बिल्डिंग के सातवीं-आठवीं फ्लोर पर खड़े हैं, तो विमानों की बमबारी और आग की लपटें साफ दिख जाएंगी.

खार्किव में बंकर के भीतर लोग

खाना एवं बोरिया-बिस्तर लेकर गये थे अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशन के भीतर

अंकित शर्मा ने कहा कि वह कल रात सुपर मार्केट से खाने का सामान और अपना बोरिया -बिस्तर लेकर पास के ही अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशन के भीतर गये थे. सरकारी एडवाइजरी है कि धमाकों के वक्त बेसमेंट में या फिर अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशन में रहें, ताकि विस्फोटों से सुरक्षित बचा जा सकें और जान की हानि न हो.

डर और खौफ के साये में जीने को हैं मजबूर, खार्किव में पसरा है सन्नाटा

अंकित का कहना है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट और बैंक बंद हैं. सभी छात्र भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं. जैसे ही एजेंसी व दूतावास की तरफ से बमबारी की सूचनाएं आती हैं वे सभी सुरक्षित बंकरों में चले जाते हैं. उन्होंने कहा, ”मेरे कई दोस्त सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन में हैं और मैं दूसरी जगह हूं. कई लोग खुद को सुरक्षित रखने के लिए बिल्डिगों के बेसमेंट में रह रहे हैं. पूरा शहर विरान लग रहा है और सड़कें सुनसान हैं.

कैथल के 12-13 छात्र हैं खार्किव में

अंकित ने बताया कि उनकी पहचान के 12-13 कैथल के छात्र खार्किव में हैं. सभी डरे हुए हैं और जल्द ही सुरक्षित भारत पहुंचना चाहते हैं. एक-दूसरे के संपर्क में हैं और परिवार के साथ ही आपस में भी एक-दूसरे की हौंसला अफजाई कर रहे हैं.

जल्द हमें सुरक्षित निकाले भारत सरकार

अंकित का कहना है कि अभी युद्ध का दूसरा ही दिन है और स्थिति बेहद खराब है. हमारी भारत सरकार से मांग है कि सभी छात्रों को सुरक्षित जल्द ही यहां से वतन लाया जाए. इसके साथ ही उन्होंने हरियाणा सरकार से भी छात्रों की मदद की गुहार लगाई.

डरा हुआ है परिवार, पीएम मोदी से लगाई गुहार

अंकित शर्मा के पिता कृष्ण शर्मा का कहना है कि सभी छात्रों के सुरक्षित वतन लौटने के लिए प्रार्थना की जा रही है. जो भी भारतीय बच्चे यूक्रेन में फंसे हैं, सभी सुरक्षित वतन लौट आयें, हमारी यही प्रार्थना है. उन्होंने कहा कि दूतावास के नंबर नहीं मिल रहे हैं. हमारे बच्चे बंकरों में बैठे हुए हैं. उनके फोन भी चार्ज नहीं हो रहे हैं. खान-पीने की चीजों की भी दिक्कत हो रही है. घर में चिंता का माहौल है. हमारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार है कि हमारे बच्चों को सुरक्षित निकाला जाए. उन्होंने कहा, मैं अंकित को हर वक्त हिम्मत दे रहा हूं और उसे दूसरे विद्यार्थियों को भी हिम्मत देने के लिए कह रहा हूं. हमें उम्मीद है सरकार सभी विद्यार्थियों को जल्द ही सुरक्षित निकाल लाएगी.

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