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Republic Day 2022: 384 वीरता पुरस्कारों का ऐलान, ओलंपिक गोल्‍ड विनर नीरज चौपड़ा को परम विशिष्‍ट सेवा मेडल मिलेगा

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 73वें गणतंत्र दिवस समारोह की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों के कर्मियों और अन्य के लिए 384 वीरता पुरस्कारों (384 Gallantry awards) को मंजूर किए दी है. इनमें 12 शौर्य चक्र शामिल हैं

Published: January 25, 2022 6:48 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Laxmi Narayan Tiwari

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गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्‍या पर टोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता 4 राजपूताना राइफल्स के सूबेदार नीरज चोपड़ा को परम विशिष्ट सेवा पदक से नवाजा जाएगा.

Republic Day 2022, Gallantry awards: राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 73वें गणतंत्र दिवस समारोह की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों के कर्मियों और अन्य के लिए 384 वीरता पुरस्कारों (384 Gallantry awards) को मंजूरी दी है. इनमें 12 शौर्य चक्र शामिल हैं. सेना पदक के लिए 3 बार (वीरता), 81 सेना पदक (वीरता) और 2 वायु सेना पदक (वीरता) शामिल हैं. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्‍या पर टोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता (Tokyo Olympics Gold medalist) 4 राजपूताना राइफल्स के सूबेदार नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra ) को परम विशिष्ट सेवा पदक से नवाजा जाएगा.

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गणतंत्र दिवस-2022 के अवसर पर कुल 939 पुलिस कर्मियों को विभिन्न पदकों से सम्मानित किया गया है, जिसमें से 189 पुलिस पदक वीरता (पीएमजी) सुरक्षा/पुलिस कर्मियों को दिए गए हैं. 189 वीरता पुरस्कारों में से अधिकांश में, 134 कर्मियों को जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में उनकी वीरता के लिए सम्मानित किया गया है. 47 कर्मियों को वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए और एक व्यक्ति पूर्वोत्तर क्षेत्र में वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए पुरस्कार प्रदान किया गया है.


वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले कर्मियों में से 115 जम्मू-कश्मीर पुलिस से, 30 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), तीन भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), दो सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), तीन सशस्त्र सीमा बल से, छत्तीसगढ़ पुलिस से 10, ओडिशा पुलिस से नौ और महाराष्ट्र पुलिस से सात और शेष अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं.

सेना के छह जवानों को शौर्य चक्र (तीसरा सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार)

सेना के छह जवानों को शौर्य चक्र- तीसरा सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसमें पांच मरणोपरांत शामिल हैं.

1 -सिपाही मारुप्रोलू जसवंत कुमार रेड्डी को जम्मू-कश्मीर में आमने-सामने की मुठभेड़ में एक आतंकवादी को मारने के लिए शौर्य चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया. उन्होंने ऑपरेशन के दौरान अपने टीम कमांडर की जान भी बचाई थी.

2- असम में एक ऑपरेशन में 5 असम राइफल्स के राइफलमैन राकेश शर्मा को जुलाई 2021 में दो विद्रोहियों को मारने के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया.

51 व्यक्तियों को जीवन रक्षा पदक

51 व्यक्तियों को जीवन रक्षा पदक श्रृंखला पुरस्कार 2021 प्रदान किया गया, जिसमें 6 सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक, 16 उत्तम जीवन रक्षा पदक और 29 जीवन रक्षा पदक शामिल हैं. 5 पुरस्कार विजेता मरणोपरांत हैं, पुरस्कारों की यह श्रृंखला किसी व्यक्ति के जीवन को बचाने के सराहनीय कार्य के लिए दी जाती है.

आईटीबीपी के 18 कर्मियों को पुलिस सेवा पदक

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के अठारह कर्मियों को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर वीरता पदक सहित विभिन्न पुलिस सेवा पदकों से अलंकृत किया गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि तीन कर्मियों को वीरता के लिए पुलिस पदक (पीएमजी) से सम्मानित किया गया है, तीन को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और 12 को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है. छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में फरवरी, 2018 में एक भीषण मुठभेड़ के दौरान माओवादियों का मुकाबला करने के लिए सहायक कमांडेंट अशोक कुमार, निरीक्षक सुरेश लाल और नीला सिंह की टीम को पीएमजी दिया गया है। इस अभियान में दो वांछित माओवादी मारे गये थे और इस दौरान भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया गया था. विशिष्ट सेवा पदक पाने वालों में उप महानिरीक्षक (डीआईजी) अजय पाल सिंह हैं, जो 1990 में एक अधिकारी के रूप में इसमें शामिल हुए थे. सिंह वर्तमान में उत्तराखंड के मसूरी में आईटीबीपी अधिकारियों की प्रशिक्षण अकादमी में तैनात हैं। उन्होंने आईटीबीपी की विभिन्न प्रशिक्षण इकाइयों के अलावा अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ-साथ जम्मू कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों सेवाएं दी है. डीआईजी रमाकांत शर्मा और जी. सी. उपाध्याय को भी विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है।

अग्निशमन सेवा, होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा कर्मियों के लिए राष्ट्रपति पदक की घोषणा

केंद्र ने मंगलवार को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अग्निशमन सेवाओं, नागरिक सुरक्षा और होमगार्ड के कर्मियों को विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पदक और उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पदक की घोषणा की. कुल 42 कर्मियों को अग्निशमन सेवा पदक से सम्मानित किया गया है और इनमें से एक कर्मी को वीरता के लिए राष्ट्रपति का अग्निशमन सेवा पदक दिया गया है. दो कर्मियों को उनके वीरता के लिए अग्निशमन सेवा पदक से सम्मानित किया गया.

होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा के 23 कर्मियों को सराहनीय सेवा के लिए सम्मानित किया गया

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का अग्निशमन सेवा पदक नौ कर्मियों को प्रदान किया जाता है, जबकि सराहनीय सेवा के लिए अग्निशमन सेवा पदक 30 कर्मियों को उनके संबंधित विशिष्ट और मेधावी सेवाओं के रिकॉर्ड के लिए प्रदान किया जाता है. इसके अलावा, 25 कर्मियों/स्वयंसेवकों को होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा पदक से भी सम्मानित किया जाता है. इनमें से विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा पदक दो कर्मियों को दिया गया है, जबकि होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा के 23 कर्मियों को सराहनीय सेवा के लिए सम्मानित किया गया है.

बीएसएफ के 53 जवान होंगे पुलिस पदक से सम्मानित

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 53 जवानों को वीरता सहित विभिन्न पुलिस सेवा पदकों से सम्मानित करने की घोषणा की गई. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक दो जवानों को वीरता के लिए पुलिस पदक(पीएमजी), पांच जवानों को विशिष्ठ सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और 46 जवानों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया जाएगा. अधिसूचना के मुताबिक कांस्टेबल आनंद ओरांव और सुंदर सिंह को पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर हथियारों की तस्करी को रोकने के लिए पीएमजी पदक से सम्मानित किया जाएगा. ओरांव ने अगस्त 2019 में घायल होने के बावजूद सात बांग्लादेशी मवेशी तस्करों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जबकि सिंह ने अकेले पांच-छह तस्करों को चुनौती दी और पिछले साल जनवरी में उसी इलाके में बांग्लादेशी मादक पदार्थ तस्करों को पकड़ा. सराहनीय सेवा के लिए पदक से सम्मानित जवानों में सेकेंड इन कमान रैंक के अधिकारी वरुणेंद्र प्रताप सिंह शामिल हैं जो वर्ष 1997 में बतौर अधिकारी बीएसएफ से जुड़े थे. उन्होंने पाकिस्तान से लगती जम्मू, पंजाब, गुजरात के अलावा कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर भी अपनी सेवाएं दी हैं और इस समय बीएसफ के मुख्यालय में खुफिया शाखा में तैनात हैं. वह संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत वर्ष 2014-15 में हैती में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. सिंह के पिता भी सीआरपीएफ में सेवा की है.

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Published Date: January 25, 2022 6:48 PM IST