By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device to enhance site navigation, analyze site usage, and assist in our marketing efforts Cookies Policy.
54 जिलों से हैं 50% प्रवासी, 44 यूपी-बिहार के ही, PM मोदी का वाराणसी, योगी का गोरखपुर, अखिलेश का इटावा लिस्ट में
देश में 50 फ़ीसदी पलायन करने वाले मजदूर इन 54 जिलों से है. आंकड़े चौंका देने वाले हैं.
नई दिल्ली: भारत में पुरुष प्रवासियों की आधी आबादी देश के 54 जिलों से है और इन 54 जिलों में 44 जिले उत्तर प्रदेश और बिहार के हैं. देश में फिलहाल कुल 739 जिले हैं, जिनमें प्रवासियों की संख्या के आधार पर आंकड़े चौंका देने वाले हैं, क्योंकि इन 54 जिलों में से 24 उत्तर प्रदेश और 20 बिहार के हैं. इनमें से कुछ जिलों को ‘मनी ऑर्डर अर्थव्यवस्था’ के तौर पर भी जाना जाता है, क्योंकि इसमें ज्यादातर आबादी प्रवासी श्रमिकों की कमाई पर ही निर्भर है.
Trending Now
यूपी के ये जिले हैं शामिल
उत्तर प्रदेश के 24 जिलों में इटावा, फैजाबाद, गोंडा, बस्ती, गोरखपुर, देवरिया, सुल्तानपुर, आजमगढ़, जौनपुर, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, वाराणसी, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलंदशहर, अलीगढ़, एटा, सिद्धार्थनगर, आगरा, कुशीनगर, रायबरेली, बलिया और गाजीपुर शामिल हैं.
बिहार के ये जिले हैं
बिहार के 20 जिलों में मधुबनी, दरभंगा, सीवान, सारण, समस्तीपुर, पटना, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, वैशाली, बेगूसराय, भोजपुर, भागलपुर, मुंगेर, नालंदा, रोहतास, औरंगाबाद और नवादा शामिल हैं.
अन्य राज्य
जिन अन्य 10 जिलों में पुरुष प्रवासियों की सबसे अधिक संख्या है, उनमें उत्तराखंड के दो जिले गढ़वाल और अल्मोड़ा शामिल हैं. इसके अलावा पश्चिम बंगाल में नादिया और मेदिनीपुर, झारखंड में चतरा, ओडिशा में गंजाम, कर्नाटक में गुलबर्गा, राजस्थान में पाली और महाराष्ट्र में जलगांव जिले शामिल हैं.
ये आंकड़े जनवरी 2017 में आवास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्रालय द्वारा पेश किए गए थे. पर्यवेक्षकों का कहना है कि यह उन दो राज्यों के नेतृत्व पर एक प्रतिबिंब है, जो नौकरियां पैदा करने में विफल रहे हैं. हाल ही में लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों के घर लौटने की जो तस्वीरें सामने आईं, वह भयावाह थीं. लाखों की संख्या में मजदूर पैदल ही अपने घरों को निकल लिए. इनमें से बड़ी संख्या में यूपी और बिहार आने वालों की संख्या थी, जो दूसरे राज्यों में काम करने जाते हैं.