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आतंकवाद के कारण 64,827 कश्मीरी पंडित परिवारों को कश्मीर घाटी छोड़ने को मजबूर होना पड़ा: MHA की रिपोर्ट

वर्तमान में 43,618 पंजीकृत कश्मीरी प्रवासी परिवार जम्मू में बसे हुए हैं, जबकि 19,338 परिवार दिल्ली और एनसीआर में और 1,995 परिवार देश के कुछ अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बसे हुए हैं

Updated: April 26, 2022 6:09 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Laxmi Narayan Tiwari

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(फोटो- प्रतीकात्‍मक)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार  ( Central Govt) ने कहा है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद (Pakistan-sponsored Terrorism)  की वजह से 64,827 कश्मीरी पंडित (Kashmiri Pandit)  परिवारों को 1990 के दशक की शुरुआत में कश्मीर घाटी छोड़ने और जम्मू, दिल्ली और देश के कुछ अन्य हिस्सों में बसने के लिए मजबूर होना पड़ा था.

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गृह मंत्रालय (MHA) की 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट (MHA Report) के मुताबिक, 1990 के दशक और 2020 के बीच जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के कारण 14,091 नागरिकों और सुरक्षा बल के 5,356 जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी.

रिपोर्ट में कहा गया है, ”जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ से जुड़ा हुआ है.”

इसमें कहा गया है कि कश्मीरी पंडितों के अलावा, आतंकवाद की वजह से कुछ सिख और मुस्लिम परिवारों को भी कश्मीर घाटी से जम्मू, दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ा था. रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू के पहाड़ी इलाकों से लगभग 1,054 परिवार जम्मू के मैदानी इलाकों में चले गए.

गृह मंत्रालय (एमएचए) की 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर के राहत और प्रवासी आयुक्त के पास उपलब्ध पंजीकरण के रिकॉर्ड के अनुसार, वर्तमान में 43,618 पंजीकृत कश्मीरी प्रवासी परिवार जम्मू में
बसे हुए हैं, 19,338 परिवार दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में और 1,995 परिवार देश के कुछ अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बसे हुए हैं.

 प्रधानमंत्री पुनर्निर्माण पैकेज के तहत नौकर‍ियां दी गईं

रिपोर्ट के अनुसार, कश्मीरी प्रवासियों को घाटी में फिर से बसाने के उद्देश्य से गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री पुनर्निर्माण पैकेज – 2008 के तहत जम्मू-कश्मीर सरकार में 3,000 नौकरियों, और प्रधानमंत्री विकास पैकेज – 2015 (पीएमडीपी-2015) के तहत अतिरिक्त 3,000 नौकरियों को मंजूरी दी है.

2014 से 2020 तक कुल 2,546 आतंकी घटनाएं हुईं

रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर में 2014 से 2020 तक पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित कुल 2,546 आतंकी घटनाएं हुईं, जिनमें 481 सुरक्षाकर्मी, 215 नागरिक और 1,216 आतंकवादी मारे गए. इसमें कहा गया है कि 2014 और 2020 के बीच जम्मू कश्मीर में सीमा पार से घुसपैठ के 1,776 प्रयास किए गए थे.

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Published Date: April 26, 2022 6:09 PM IST

Updated Date: April 26, 2022 6:09 PM IST