
मंदसौर में हिंसक हुआ किसानों का आंदोलन, फायरिंग में 5 की मौत, किसने चलाई गोली?
मध्य प्रदेश में किसानों का प्रदर्शन हिंसक रूप लेता जा रहा है...

मंदसौर. मध्य प्रदेश में किसानों का प्रदर्शन हिंसक रूप लेता जा रहा है. मंदसौर में प्रदर्शन के दौरान हुए फायरिंग में 5 किसानों की मौत हो गई. आज प्रदर्शन के दौरान फायरिंग में कई किसानों को गोली लगी, जिसमें एक की मौत मौके पर ही हो गई. गंभीर रूप से घायल दूसरे चार किसानों ने बाद में दम तोड़ दिया. कर्ज माफी और सब्जी-फलों के दाम बढ़ाए जाने को लेकर किसानों का आंदोलन 1 जून से चल रहा है.
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फायरिंग में कन्हैया लाल सहित 5 किसानों की मौत हो गई. पांच किसान घायल हुए थे जिसमें दो की हालत गंभीर थी जिन्होंने बाद में दम तोड़ दिया. दो किसानों ने इंदौर ले जाते वक्त दम तोड़ा. पिछले कुछ दिनों से मध्य प्रदेश में किसानों का आंदोलन हिंसक रूप लेता जा रहा है. किसान विरोध प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ को अंजाम दे रहे हैं. आज इसने गंभीर रूप ले लिया जिसके बाद इन पर गोली चला दी गई. हालांकि, पुलिस का कहना है कि उसने किसानों पर गोली नहीं चलाई है.
#UPDATE Madhya Pradesh: Death toll rises to five in firing that took place during Mandsaur farmers’ protest
— ANI (@ANI_news) June 6, 2017
इस घटना के बाद मंदसौर में चार जगहों पर कर्फ्यू लगा दिया गया है. वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं. उनका कहना है कि प्रदर्शनकारी किसानों पर किसी तरह की फायरिंग नहीं हुई है. सीएम ने मरने वालों के परिजनों को 5 लाख, घायलों को एक लाख रुपए देने का ऐलान किया. सीएम शिवराज दूसरे मंत्रियों के साथ किसानों के मुद्दे पर बैठक की. इसके बाद मृतकों के लिए मुआवजा बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया गया.
Kin of deceased to get compensation of Rs.5 lakh, seriously injured to get Rs.1 lakh: MP CM on violence in Mandsaur during farmers’ protest — ANI (@ANI_news) June 6, 2017
शिवराज ने कहा कि सरकार संवेदनशील है और किसानों के साथ खड़ी है. लेकिन कांग्रेस पार्टी ने साजिश के तहत हिंसा में पेट्रोल डालने का काम किया है. कई कांग्रेसी नेताओं ने ऐसा किया है.
आज क्या-क्या हुआ
मध्य प्रदेश में किसानों के एक जून से जारी आंदोलन के तहत आज यहां निकाले गये जुलूस में शामिल लोगों ने पुलिस बल पर हल्का पथराव किया. पुलिस ने लाठीचार्ज कर इन लोगों को खदेड़ा. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि किसानों के ‘शांति मार्च’ में शामिल लोगों ने चोइथराम चौराहा स्थित देवी अहिल्याबाई फल.सब्जी मंडी के सामने बड़ी संख्या में तैनात पुलिस बल पर अचानक पथराव कर दिया। इसके बाद पुलिस ने उग्र प्रदर्शनकारियों पर हल्का बल प्रयोग कर उन्हें तितर-बितर किया.
पथराव की घटना से पहले चोइथराम चौराहे पर किसानों के प्रदर्शन में राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा भी शामिल हुए. शर्मा ने कहा कि वह एक आम किसान के रूप में प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं और सूबे में जारी किसान आंदोलन को शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ाया जाना चाहिए. इंदौर के राउ क्षेत्र के कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी और कांग्रेस के कुछ अन्य स्थानीय नेता भी किसान आंदोलन के समर्थन में चोइथराम चौराहा पहुंचे.
1 जून से विरोध प्रदर्शन
चार जून को खबर आई थी कि मध्य प्रदेश में किसानों ने विभिन्न मांगों को पूरा करने का राज्य सरकार से आश्वासन मिलने के बाद अपना आंदोलन आज वापस ले लिया. आंदोलन वापस लिए जाने से पहले सीहोर और रतलाम जिलों सहित कई स्थानों में आज भी हिंसक घटनाएं हुईं, जिनमें आंदोलनकारियों के पथराव से 11 पुलिसकर्मी एवं एक तहसीलदार घायल हो गए.
तब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक के बाद ट्विटर पर लिखा था, ‘‘मुझे खुशी है कि मध्यप्रदेश में किसानों ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया है. मध्य प्रदेश सरकार किसान हितैषी सरकार है तथा सदैव किसानों के कल्याण के लिये कार्य करती रहेगी.’’ मध्यप्रदेश के किसानों ने अपनी उपज के वाजिब दाम दिलाने सहित 20 सूत्रीय मांगों को लेकर एक जून से 10 जून तक आंदोलन की घोषणा की थी.
चौहान ने ट्वीट किया कि तीन-चार दिन में आठ रूपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से प्याज की खरीद शुरू हो जाएगी और इस महीने के अंत तक जारी रहेगी. मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘गर्मियों में, सरकार मूंग की दाल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी.’’ उन्होंने आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने की भी घोषणा की.
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