
Ajit Doval Birthday Special: NSA अजीत डोभाल के वो कारनामे, शायद ही जानते होंगे आप
NSA Ajit Doval Birthday Special: अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) का आज (20, जनवरी 2022) 77वां जन्मदिन है. डोभाल देशभर में भारत के जेम्स बॉन्ड के नाम से भी मशहूर हैं, क्योंकि उन्होंने अपना जीवन देश के लिए ही बिताया है जो सालों तक दुश्मनों के बीच रहा और सेना को खुफिया जानकारी देता रहा. डोभाल ने देश की रक्षा के लिए अपने जीवन के करीब चालीस साल गुमनामी में गुजारे हैं.

NSA Ajit Doval Birthday Special: भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के सलाहकार अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) का आज (20, जनवरी 2022) 77वां जन्मदिन है. डोभाल देशभर में भारत के जेम्स बॉन्ड के नाम से भी मशहूर हैं, क्योंकि उन्होंने अपना जीवन देश के लिए ही बिताया है जो सालों तक दुश्मनों के बीच रहा और सेना को खुफिया जानकारी देता रहा. एक अंग्रेजी न्यूज वेबासइट के मुताबिक डोभाल ने देश की रक्षा के लिए अपने जीवन के करीब चालीस साल गुमनामी में गुजारे हैं.
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कौन हैं अजीत डोभाल (Who is Ajit Doval)
20 जनवरी 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे डोभाल के पिता का नाम गुणानंद डोभाल है, जो खुद भी सेना में बड़े अधिकारी थे. उनकी शुरुआती शिक्षा अजमेर के मिलिट्री स्कूल में हुई. साल 1967 में उन्होंने आगरा यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में फर्स्ट पॉजिशन के साथ डिग्री ली. इसके बाद वो आईपीएस बनने की तैयारी में लग गए और साल 1968 में केरल कैडर के आईपीएस अधिकारी बने. पुलिस सेवा में चार साल बिताने के बाद 1972 में भारत की खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो यानी आईबी में शामिल हो गए.
सात साल पाकिस्तान में जासूस रहे
भारत सरकार के पांचवें NSA और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष अजीत डोभाल करीब सात साल तक पाकिस्तान में जासूस बनकर रहे. इस दौरान उन्होंने खुद को एक मुसलमान की तरह रखा और किसी को भनक तक नहीं लगने दी कि वो एक हिंदू परिवार से आते हैं. वहां उन्होंने अंडरकवर ऑपरेटिव की तरह काम किया. इस दौरान उन्होंने भारत के लिए खुफिया और आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ी जानकारी एकट्ठा करने में अहम भूमिका निभाई. वो अजित डोभाल ही थे जिन्होंने 15 बार भारतीय विमानों के अपहरण की संभावना को खत्म किया.
ऑपरेशन ब्लैक थंडर में डोभाल की भूमिका
जून 1984 में पंजाब के स्वर्ण मंदिर को खालिस्तानी समर्थकों से मुक्त कराने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार के कुछ समय ऑपरेशन ब्लैक थंडर को अंजाम दिया गया. दरअसल ऑपरेशन ब्लू स्टार के करीब चार साल बाद खालिस्तानी समर्थक एक बार फिर स्वर्ण मंदिर के अकाल तख्त के पास पहुंच गए. यही वो समय था जब भारत के मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस ऑपरेशन के दौरान डोभाल रिक्शेवाले के भेष में मंदिर में दाखिल हुए और अहम जानकारी भारतीय सेना को दी. अजीत डोभाल ने आईएसआईएस आंतकियों के कब्जे से 46 भारतीय नर्सों को छुड़ाने में भी अहम भूमिका निभाई.
सर्जिकल स्ट्राइक
पाकिस्तान में भारत की सर्जिकल स्ट्राइक को आज पांच वर्ष से ज्यादा हो गए. भारत ने 28-29 सिंतबर, 2016 की रात पाकिस्तान में दाखिल होकर आतंकियों के ठिकानों पर बमबारी की थी. इस ऑपरेशन के मास्टर माइंड भी एनएसए अजीत डोभाल थे. इसी वजह से उन्हें भारत का जेम्स बॉन्ड तक कहा जाने लगा.
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