
50 साल से जल रही अमर जवान ज्योति का नेशनल वॉर मेमोरियल में हुआ विलय, VIDEO
अमर जवान ज्योति का नेशनल वॉर मेमोरियल में विलय कर दिया गया है.

नई दिल्ली: अमर जवान ज्योति का नेशनल वॉर मेमोरियल में विलय कर दिया गया है. अमर जवान ज्योति की लौ को विलय के लिए हटा लिया गया. इसके बाद इसे निर्धारित प्रक्रिया के तहत नेशनल वॉर मेमोरियल में जल रही लौ में विलय कर दिया गया. बता दें कि अमर जवान ज्योति का निर्माण 1971 के भारत-पाक युद्ध में जान गंवाने वाले भारतीय सैनिकों के लिए एक स्मारक के रूप में किया गया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी, 1972 को इसका उद्घाटन किया था. अमर जवान ज्योति पिछले पचास साल से जल रही थी.
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#WATCH | Delhi: Merging of Amar Jawan Jyoti flame at India Gate with the flame at the National War Memorial is underway. pic.twitter.com/j7wMxpNWJS
— ANI (@ANI) January 21, 2022
वहीं, नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी, 2019 को किया था, जहां ग्रेनाइट के पत्थरों पर 25,942 सैनिकों के नाम सुनहरे अक्षरों में अंकित हैं.
Amar Jawan Jyoti को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं पूरे देश के लोग कर रहे हैं. जबकि पूर्व सैनिकों ने भी यहां इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का राष्ट्रीय समर स्मारक पर जल रही लौ के साथ विलय किए जाने के केंद्र के निर्णय पर मिली-जुली प्रतिक्रिया व्यक्ति की. पूर्व एयर वाइस मार्शल मनमोहन बहादुर ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री को टैग करते हुए उनसे इस आदेश को रद्द करने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘श्रीमान, इंडिया गेट पर जल रही लौ भारतीय मानस का हिस्सा है. आप, मैं और हमारी पीढ़ी के लोग वहां हमारे वीर जवानों को सलामी देते हुए बड़े हुए हैं.’ बहादुर ने कहा कि एक ओर जहां राष्ट्रीय समर स्मारक (National War Memorial) का अपना महत्व है. वहीं, दूसरी ओर अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) की स्मृतियां भी अतुल्य हैं.
पूर्व कर्नल राजेंद्र भादुड़ी ने कहा कि अमर जवान ज्योति पवित्र है और इसे बुझाने की जरूरत नहीं है. भादुड़ी ने ट्विटर पर लिखा, ‘इंडिया गेट पर उन भारतीय सैनिकों के नाम हैं जिन्होंने युद्ध के दौरान जान गंवाई. यह मायने नहीं रखता कि इसे किसने बनवाया.
हालांकि पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने केंद्र के निर्णय पर संतोष व्यक्त किया. दुआ ने कहा, ‘राष्ट्रीय समर स्मारक के डिजाइन चयन और निर्माण में भूमिका निभाने वाले व्यक्ति के रूप में मेरा विचार है कि इंडिया गेट प्रथम विश्व युद्ध के शहीद नायकों का स्मारक है.’
विपक्ष के नेताओं ने भी इसका विरोध किया है. राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के इस फैसले की आलोचना की है. कांग्रेस ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया है.
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