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अमित शाह ने 'जिला सुशासन सूचकांक' लॉन्च किया, कहा- जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव जल्द होंगे, राज्य का दर्जा बहाल करेंगे

अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि जम्मू कश्मीर में मौजूदा परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Chunav) होगा और केंद्र शासित प्रदेश में स्थिति सामान्य होने पर राज्य का इसका दर्जा बहाल कर दिया जाएगा.

Updated: January 22, 2022 6:03 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Zeeshan Akhtar

Amit Shah Home Minister
Home Minister Amit Shah

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि जम्मू कश्मीर में मौजूदा परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Chunav) होगा और केंद्र शासित प्रदेश में स्थिति सामान्य होने पर राज्य का इसका दर्जा बहाल कर दिया जाएगा. उन्होंने भारत का पहला “जिला सुशासन सूचकांक” (District Good Governance Index) वर्चुअल रूप से जारी करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की प्राथमिकता है और केंद्र शासित प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए बहुआयामी प्रयास किए जा रहे हैं. शाह ने कहा, ‘‘जहां तक ​​लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सवाल है, परिसीमन प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसके पूरा होने के बाद हम (विधानसभा) चुनाव कराएंगे.’’

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अमित शाह ने कहा, “कुछ लोगों ने बहुत सी बातें कही हैं, लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैंने संसद में आश्वासन दिया था कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा. जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य होने के बाद, जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा.” शाह ने कहा कि कुछ लोग घाटी के लोगों के मन में भ्रम पैदा करना चाहते हैं और वह सभी से अनुरोध करना चाहते हैं कि वे उनके झांसे में न आएं. उन्होंने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था लागू होने के बाद लोकतंत्र समाज के सबसे निचले स्तर तक पहुंच गया है और इसलिए कुछ लोग चिंतित हैं. शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का विकास लोकतंत्र से ही हो सकता है और लोग खुश रह सकते हैं तथा युवाओं को भी लोकतंत्र से रोजगार मिल सकता है.

गृह मंत्री ने कहा, “लेकिन लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए, जम्मू-कश्मीर में शांति आवश्यक है. मैं जम्मू-कश्मीर के युवाओं से अपील करना चाहता हूं कि वे निहित स्वार्थों के बयानों के बहकावे में न आएं. मैं युवाओं से कहना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विश्वास रखें, जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर विश्वास रखें.” शाह ने कहा कि कुछ लोग अपने संकीर्ण राजनीतिक हितों के लिए झूठ फैला रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी से, खासकर युवाओं से अपील करना चाहता हूं कि इन लोगों से कुछ सवाल पूछें. जो लोग कह रहे हैं कि घाटी की जमीन हड़प ली जाएगी, उनसे पूछा जाना चाहिए कि अब तक किसकी जमीन छीनी गई है. इस तरह के झूठ फैलाकर वे जम्मू-कश्मीर के विकास में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं.’’

अमित शाह ने कहा, “जो लोग कह रहे थे कि हिंसा बढ़ेगी. उनसे पूछा जाना चाहिए कि हिंसा बढ़ी है या कम हुई है. उन्होंने कहा था कि कोई निवेश नहीं आएगा, लेकिन तथ्य यह है कि पहले ही 12,000 करोड़ रुपये का निवेश आ चुका है. पर्यटकों का आगमन भी बढ़ा है और जम्मू-कश्मीर विकास की ओर बढ़ रहा है.” गृह मंत्री ने कहा कि स्थानीय प्रशासन की पहल और प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में जम्मू-कश्मीर में कई बदलाव हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी से, युवाओं, खासकर घाटी के युवाओं से कहना चाहता हूं कि विकास की ओर ध्यान दें, विकास प्रक्रिया का हिस्सा बनें.’’

गृह मंत्री ने कहा कि अगस्त 2019 (जब अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया) तक जम्मू-कश्मीर में 87 विधायक और छह सांसद चुने जा रहे थे तथा केवल तीन परिवार तत्कालीन राज्य पर शासन कर रहे थे. उन्होंने कहा, “अब, 30,000 जनप्रतिनिधि (पंचायत सदस्य) लोगों की सेवा कर रहे हैं. पंचायती राज अधिनियम के कार्यान्वयन का लाभ जम्मू-कश्मीर के लोगों के सामने है. अधिनियम के लागू होने के बाद तेजी से विकास हुआ है.”

गृह मंत्री ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था लागू होने से कुछ राजनीतिक दल आहत हैं और इन लोगों ने कहा है कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हुई है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग तो इस हद तक जा चुके हैं कि यह कह रहे हैं कि जब तक अनुच्छेद 370 को बहाल नहीं किया जाता, तब तक जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था कभी अच्छी नहीं हो सकती. अमित शाह ने कहा, “मैं उन सभी को बताना चाहता हूं कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में 40 प्रतिशत और मौतों में 57 प्रतिशत की कमी आई है. यह दर्शाता है कि शांति का संबंधित बदलाव से कोई संबंध नहीं है. शांति का प्रशासन से संबंध है. जब लोगों को अच्छा प्रशासन मिलता है, तो लोग प्रशासन से जुड़ जाते हैं.” जम्मू-कश्मीर प्रशासन के प्रयासों की सराहना करते हुए शाह ने कहा कि यह केंद्रशासित प्रदेश बिजली, एलपीजी गैस कनेक्शन, शौचालय, 100 प्रतिशत टीकाकरण, ऑक्सीजन आपूर्ति, ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना जैसी केंद्र सरकार की विकास योजनाओं को लागू करने में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में पांचवें स्थान पर है.

उन्होंने कहा, “लोगों को सीधा लाभ मिल रहा है. इसलिए, स्वाभाविक है कि बिचौलिए परेशान हैं. मोदी का स्पष्ट रूप से मानना है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को बिचौलियों के हस्तक्षेप के बिना स्वच्छ प्रशासन मिलना चाहिए.” शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं लेकिन कुछ नेता जिस तरह से बयान दे रहे हैं, उससे पता चलता है कि वे पर्यटन का विकास नहीं चाहते. उन्होंने कहा, “मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि उनके बयानों का कोई असर नहीं हुआ है. इस सर्दी में जम्मू-कश्मीर में रिकॉर्ड पर्यटकों का आगमन हुआ है. आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ेगी.”

गृह मंत्री ने कहा कि हर कोई जानता है कि पर्यटन का रोजगार से सीधा संबंध है, लेकिन इस तरह के बयान देकर एक साजिश रची गई है जिससे कि पर्यटकों का आगमन कम हो और युवाओं को रोजगार के अवसर कम मिलें. उन्होंने कहा, “मैं उन लोगों को बताना चाहता हूं जिन्हें चिकित्सा अध्ययन के लिए पाकिस्तान या अन्य देशों में जाना पड़ता था कि आजादी के बाद से 2014 तक जम्मू-कश्मीर में 500 सीट के साथ सिर्फ चार मेडिकल कॉलेज थे. अब, नौ मेडिकल कॉलेज बनाए गए हैं, 15 नर्सिंग कॉलेज की स्थापना की गई है, एमबीबीएस की 1,100 सीट और पैरामेडिकल की 600 सीट उपलब्ध हैं.”

शाह ने कहा कि 70 साल में जम्मू-कश्मीर में सिर्फ 12,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, लेकिन अब सिर्फ एक साल में 12,000 करोड़ रुपये का निवेश आया है तथा कुल मिलाकर 50,000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का बजट 9,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 21,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है. गृह मंत्री ने कहा, “किसी अन्य राज्य को इतना ढाई गुना अधिक बजट नहीं मिला है. यह दर्शाता है कि जम्मू-कश्मीर मोदी के लिए प्राथमिकता है.”

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Published Date: January 22, 2022 6:01 PM IST

Updated Date: January 22, 2022 6:03 PM IST