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नई दिल्ली: आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) की ओर से पेश राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर कहा कि भारत (India) अभी भविष्य के संघर्षों की कुछ झलकियां (trailer) देख रहा है और उसके विरोधी अपने रणनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के प्रयास लगातार जारी रखेंगे. भारत ”अलग तरह की, कठिन तथा बहु-स्तरीय” सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है.
General MM Naravane #COAS & Patron #CLAWS delivered the Inaugural Address at #IndianArmy International Webinar ‘PRAGYAN CONCLAVE 2022’, organised by #CLAWS on ‘Contours of Future Wars & Countermeasures’.#IndianArmy#InStrideWithTheFuture#AmritMahotsav pic.twitter.com/ucv0RfZDZr
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) February 3, 2022
जनरल नरवणे ने आज बृहस्पतिवार को एक संगोष्ठी को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि भारत ”अलग तरह की, कठिन तथा बहु-स्तरीय” सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है और उत्तरी सीमा पर घटनाक्रम ने पूरी तरह से तैयार और सक्षम बलों की जरूरत को रेखांकित किया है. उन्होंने देश की संप्रभुता और अखंडता सुरक्षित रखने में बल की मदद के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर भी जोर दिया.
Ceasefire on LoC (with Pak) continues to hold as we negotiated from position of strength. Developments on our Northern borders adequately underscored, requirement of ready & capable forces, with an optimal component of Boots on Ground, backed by modern technology: Army Chief pic.twitter.com/5DwBtMT8Ur
— ANI (@ANI) February 3, 2022
चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बिना थल सेना प्रमुख ने कहा कि परमाणु-क्षमता से लैस पड़ोसियों के साथ सीमा विवाद साथ ही राज्य प्रायोजित छद्म युद्ध ने सुरक्षा तंत्र एवं संसाधनों के समक्ष चुनौतियां बढ़ा दी हैं.
जनरल एमएम नरवणे ने कहा, ”हम अभी भविष्य के संघर्षों की झलकियां देख रहे हैं. सूचना के क्षेत्र, नेटवर्क और साइबर स्पेस में भी हमें इसके सबूत दिखाई दे रहे हैं. विवादित सीमाओं पर भी ये सब दिखाई दे रहा है. आर्मी थल सेना प्रमुख ने कहा, ”इन झलकियों के आधार पर हमें भविष्य के लिए तैयार होना होगा. यदि आप आस पास देखेंगे, तो आपको आज की वास्तविकता का एहसास होगा.”
सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज (सीएलएडब्ल्यूएस) द्वारा आयोजित संगोष्ठी में वायु सेना प्रमुख वी आर चौधरी, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और कई देशों के रक्षा अताशे ने भाग लिया. जनरल नरवणे ने कहा कि अफगानिस्तान के घटनाक्रम ने फिर से छद्म और राज्य से इतर तत्वों के इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित किया है. उन्होंने कहा, ”हमारे विरोधी अपने रणनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के अपने प्रयासों को जारी रखेंगे.”
चीन के परोक्ष संदर्भ में उन्होंने यह भी कहा कि कुछ देश विश्व स्तर पर स्वीकृत मानदंडों और नियम-आधारित व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं. पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम को लेकर थल सेना प्रमुख ने कहा कि यह जारी है, क्योंकि हमने मजबूत स्थिति के साथ बातचीत की है.
आर्मी चीफ नरवणे ने कहा कि सेना अपने बलों के पुनर्गठन, पुनर्संतुलन और पुनर्विन्यास पर ध्यान केंद्रित कर रही है और प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है और बल त्रि-सेवा एकीकरण सुनिश्चित करने के लिए ‘थियेटर कमान पहल’ (सेना के तीनों अंगों का साथ मिलकर काम करना) को लेकर प्रतिबद्ध है. जनरल नरवणे ने यह भी कहा कि ‘थिएटर कमान’ के माध्यम से तीनों सेवाओं के एकीकरण की प्रक्रिया पहले से ही एक समयबद्ध योजना के तहत आगे बढ़ रही है और भारतीय सेना इस परिवर्तन के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, हम इन परिवर्तनों के लिए अपने परिचालन अनुभवों को और मजबूत कर रहे हैं और यह कार्य प्रगति पर रहेगा.
आधुनिक तकनीक के महत्व के बारे में थल सेना प्रमुख ने पिछले साल इजराइल और हमास के बीच संघर्ष का हवाला दिया और कहा कि इसने कृत्रिम बुद्धिमत्ता की शक्ति को मजबूती से रेखांकित किया है.
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