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असम में बाढ़ से हालात बेहद गंभीर, कई इलाके जलमग्न, 8 लोगों की मौत, लाखों लोग प्रभावित
Assam Flood 2022: असम में बाढ़ से 29 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. अधिकारियों ने बताया कि पिछले 24 घंटे में आठ और लोगों की मौत हो गई. राज्य के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं.
Assam Flood Situation: असम में बाढ़ के हालात अब भी गंभीर बने हुए हैं. बाढ़ से 29 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. इसके साथ ही, बाढ़ से पिछले 24 घंटे में आठ और लोगों की मौत हो गई. अधिकारियों ने बताया कि कछार के सिलचर शहर के कई हिस्से 11 दिन से अधिक समय से जलमग्न हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) द्वारा जारी एक बुलेटिन के अनुसार, इस साल बाढ़ और भूस्खलन के कारण जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 159 हो गई, जिसमें छह जिलों- नागांव, लखीमपुर, बारपेटा, बिश्वनाथ, धेमाजी और मोरीगांव में आठ और लोगों की मौत हो गई. कछार जिले में एक व्यक्ति के लापता होने की खबर है. इस समय 25 जिलों में बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या घटकर 29.80 लाख रह गई है जो कल तक 31.54 लाख थी.
आपदा से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल असम पहुंच गया है. बेकी, कोपिली, बराक और कुशियारा समेत कई स्थानों पर ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. हालांकि अन्य कई नदियों में जलस्तर कम हो रहा है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बृहस्पतिवार को उपायुक्तों के साथ डिजिटल वार्ता की और उन्हें राहत शिविरों तथा अन्य स्व-व्यवस्थित आश्रयों में रहने वाले प्रत्येक परिवार को अगले चार दिनों के भीतर 3,800 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी प्रभावित लोगों को राहत और मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं तथा कोई भी जीवित व्यक्ति उपायुक्तों द्वारा बनाई जाने वाली सूची से बाहर नहीं होना चाहिए.’’ सरमा ने कहा, ‘‘हमारी सरकार उन छात्रों को भी 1,000 रुपये देगी, जिनकी अध्ययन सामग्री को बाढ़ के पानी से नुकसान हुआ है.’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले में नुकसान का आकलन करने के लिए 15 जुलाई की समयसीमा तय की गयी है और इसके बाद 20 जुलाई तक संरक्षक मंत्री और सचिव उन पर मुहर लगाएंगे जिसके बाद प्रभावितों को मुआवजा बांटा जाएगा. उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया 15 अगस्त तक पूरी होने की संभावना है. सिलचर में, कई इलाकों में अभी भी जलभराव है और स्थिति अभी भी गंभीर है, क्योंकि प्रभावित लोगों को भोजन, पीने के पानी और दवाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है. कछार की उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने कहा कि बेथुकुंडी में टूटे बांध के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत के लिए लगातार काम किया जा रहा है. इस बीच, एएसडीएमए के बुलेटिन में कहा गया है कि राज्य भर में 75 राजस्व मंडलों के तहत 2,608 गांव प्रभावित हुए हैं, जबकि 3,05,565 लोगों ने 551 राहत शिविरों में शरण ली है.
(इनपुट-भाषा)
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