
Assembly Polls 2022: कांग्रेस ने विधायक Aditi Singh के पति का काटा टिकट, पार्टी बदलेंगे या निर्दलीय लड़ेंगे Angad Saini?
Assembly Elections 2022: कांग्रेस की बागी और अब रायबरेली से BJP उम्मीदवार अदिति सिंह (Aditi Singh) के पति अंगद सिंह सैनी (Angad Singh Saini) को पंजाब के नवांशहर (Nawanshahr) से टिकट नहीं दिया गया है.

Assembly Elections 2022: कांग्रेस की बागी और अब रायबरेली से BJP उम्मीदवार अदिति सिंह (Aditi Singh) के पति अंगद सिंह सैनी (Angad Singh Saini) को पंजाब के नवांशहर (Nawanshahr) से टिकट नहीं दिया गया है. उन्होंने नवांशहर सीट से विधायक के रूप में अपनी मां गुर इकबाल कौर की जगह ली थी और उनके पिता ने भी पहले इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था. साल 2017 में पंजाब विधानसभा (Punjab Assembly Election) के लिए अंगद सबसे कम उम्र के कांग्रेस विधायक थे. कांग्रेस ने उनकी जगह सतबीर सिंह सैनी बालिचिकी को मैदान में उतारा है.
Also Read:
अंगद से शादी करने वाली अदिति ने कांग्रेस से बगावत कर दी है और भाजपा से हाथ मिला लिया है. अदिति गांधी परिवार के प्रति आलोचनात्मक रही हैं. पूर्व विधायक अखिलेश सिंह की बेटी अदिति 2019 के आम चुनावों के बाद से उनके कांग्रेस नेतृत्व के साथ अच्छे संबंध नहीं थे. सोनिया गांधी 2004 से इस सीट के लिए चुनी जाती रही हैं. उन्होंने रायबरेली से चुनाव लड़ने के लिए अमेठी छोड़ी थी.
अदिति सिंह को कांग्रेस के गढ़ से भाजपा उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया है. उन्होंने कहा, ‘रायबरेली अब कांग्रेस का गढ़ नहीं रहा. प्रियंका आ सकती हैं और चुनाव लड़ सकती हैं.’ अदिति सिंह की आलोचनात्मक राय उनके पति अंगद को टिकट गंवाने की वजह बताई जा रही है. उन्होंने कहा था, ‘मुझे नहीं पता कि उन्होंने रायबरेली और अमेठी (राहुल गांधी के पूर्व निर्वाचन क्षेत्र) के लोगों को हल्के में क्यों लिया? रायबरेली और अमेठी के लोग कहीं और लोगों की तुलना में अधिक क्षमाशील रहे हैं. इन स्थानों को कभी गढ़ और लोग कहा जाता था. चाहे कुछ भी हो उन्हें वोट दिया, लेकिन कांग्रेस के लोग रायबरेली और अमेठी के लोगों की परवाह नहीं करते हैं.’
अदिति सिंह ने कहा था, ‘उनके लिए रायबरेली या अमेठी में वोट मांगने आना वाकई शर्मनाक होगा, क्योंकि जैसे ही चुनाव खत्म होते हैं, कांग्रेस नेता कभी भी उन लोगों की परवाह नहीं करते हैं, जिन्होंने सभी बाधाओं के खिलाफ उन्हें वोट दिया.’ उन्होंने आगे कहा, ‘रायबरेली मेरा परिवार है, लेकिन कांग्रेस ने कभी अपने लोगों के लिए काम नहीं किया. मेरे पिता अखिलेश सिंह को खोने के बाद यहां के लोगों ने मेरा साथ दिया.’ अब सवाल यह उठता है कि अंगद सैनी पार्टी बदलेंगे या निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे?
(इनपुट: IANS)
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें देश की और अन्य ताजा-तरीन खबरें