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कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानों का 'भारत बंद' आज, पंजाब-हरियाणा सहित इन राज्यों पर पड़ेगा असर

कृषि विधेयकों के विरोध में किसानों द्वारा आज 25 सितम्बर को 'भारत बंद' का आह्वान किया गया है.

Published: September 25, 2020 12:12 AM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Zeeshan Akhtar

कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानों का 'भारत बंद' आज, पंजाब-हरियाणा सहित इन राज्यों पर पड़ेगा असर

नई दिल्ली: कृषि विधेयकों के विरोध में किसानों द्वारा आज 25 सितम्बर को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया गया है. भारतीय किसान यूनियन और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने बंद का आह्वान किया था. इन दो संगठनों के साथ ही कई और संगठन हैं जिन्होंने इस हड़ताल में साथ देने का ऐलान किया था. इस बंद का कई राज्यों पर असर पड़ने की संभावना है. सबसे ज्यादा असर पंजाब और हरियाणा में देखने को मिलेगा. वहाँ किसान पहले ही से ट्रेनें तक रोके हुए हैं. पंजाब बंद के लिए 31 किसान संगठनों ने हाथ मिलाया है. हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) समेत कई संगठनों ने कहा है कि उन्होंने विधेयकों के खिलाफ कुछ किसान संगठनों द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन किया है. इन दो राज्यों के साथ राजस्थान, यूपी, महाराष्ट्र में भी इसका असर देखने को मिल सकता है.

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पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रदर्शन के दौरान किसानों से कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने और कोरोना वायरस से जुड़े सभी नियमों का पालन करने की अपील की है. एक बयान में सिंह ने कहा कि राज्य सरकार विधेयकों के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह किसानों के साथ है और धारा 144 के उल्लंघन के लिए प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हड़ताल के दौरान कानून-व्यवस्था की दिक्कतें पैदा नहीं करनी चाहिए. उन्होंने किसानों से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि नागरिकों को किसी तरह की दिक्कतें नहीं हो और आंदोलन के दौरान जान-माल को किसी भी प्रकार का खतरा नहीं होना चाहिए .

भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) महासचिव सुखबीर सिंह ने हड़ताल के समर्थन में वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, दुकानदारों से अपनी दुकानों बंद रखने की अपील की है. पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने भी लोगों से किसानों का समर्थन करने और हड़ताल को सफल बनाने का अनुरोध किया है. मुख्य विपक्षी आम आदमी पार्टी पहले ही अपना समर्थन दे चुकी है जबकि शिरोमणि अकाली दल ने सड़क बंद करने की घोषणा की है.

विधेयकों के खिलाफ किसानों ने पंजाब में कई स्थानों पर बृहस्पतिवार को तीन दिवसीय रेल रोको प्रदर्शन शुरू किया और पटरियों पर धरना दिया. किसान संगठनों ने एक अक्टूबर से अनिश्चितकालीन रेल रोको प्रदर्शन भी शुरू करने का फैसला किया है.

प्रदर्शनकारियों ने आशंका व्यक्त की है कि केंद्र के कृषि सुधारों से न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और कृषि क्षेत्र बड़े पूंजीपतियों के हाथों में चला जाएगा. किसानों ने कहा है कि तीनों विधेयक वापस लिए जाने तक वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे. हरियाणा भाकियू के प्रमुख गुरनाम सिंह ने कहा कि उनके संगठन के अलावा कुछ अन्य किसान संगठनों ने भी राष्ट्रव्यापी हड़ताल को अपना समर्थन दिया है. सिंह ने कहा, ‘‘हमने अपील की है कि राज्य के राजमार्गों पर धरना होना चाहिए और अन्य सड़कों पर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध होना चाहिए. राष्ट्रीय राजमार्गों पर धरना नहीं देना चाहिए.’’ सिंह ने कहा कि हड़ताल के दौरान सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक किसी भी प्रकार के गैरकानूनी काम में संलिप्त नहीं होना चाहिए. भाकियू नेता ने कहा कि कमीशन एजेंट, दुकानदारों और ट्रांसपोर्टरों से भी हड़ताल का समर्थन करने का अनुरोध किया गया है.

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Published Date: September 25, 2020 12:12 AM IST