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पूर्वी लद्दाख में पिछले करीब दो साल से गतिरोध के कारण व्याप्त तनाव के बीच चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) गुरुवार शाम को भारत पहुंचे. वांग ने काबुल से नई दिल्ली के लिए उड़ान भरी और वह शुक्रवार सुबह विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल से मुलाकात करेंगे. यह जानकारी मिली है कि चीनी विदेश मंत्री की बगैर पूर्व निर्धारित यात्रा का उद्देश्य यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के मद्देनजर बने भू राजनीतिक हालात में चीन के एक बड़ी भूमिका निभाने से संबद्ध है. चीन ने यह भी संकेत दिया है कि आर्थिक प्रतिबंधों से निपटने के लिए वह रूस की सहायता करने को इच्छुक है.
वार्ता में, भारत के पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद से अपना ध्यान हटाने की संभावना नहीं है. भारत द्वारा गतिरोध वाले शेष स्थानों से सैनिकों को पूरी तरह से हटाने के लिए दबाव डाले जाने की भी उम्मीद है. वांग और डोभाल के बीच बैठक में सीमा मुद्दे पर व्यापक चर्चा होने की संभावना है, जो सीमा वार्ता के लिए विशेष प्रतिनिधि के रूप में काम कर रहे हैं. दोनों पक्षों ने यात्रा को गुप्त रखा. फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या भारतीय पक्ष वांग के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की सुविधा प्रदान करेगा. वार्ता में यूक्रेन संकट एक अन्य प्रमुख मुद्दा होने की उम्मीद है.
(इनपुट: भाषा)
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