
धर्म चुनना निजी मामला, लेकिन जबरन परिवर्तन गलत, मौजूदा कानून ही इसे रोकने में सक्षम: अरविंद केजरीवाल
आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने धर्म बदलने और धर्म परिवर्तन को लेकर बयान दिया है.

अमृतसर (पंजाब): आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने धर्म बदलने और धर्म परिवर्तन को लेकर बयान दिया है. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि धर्म चुनना बेहद निजी मामला है. कोई भी सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती, लेकिन प्रलोभन या धमकी देकर किया गया धर्म परिवर्तन गलत है. देश में मौजूदा कानून के तहत इस तरह की प्रथाओं को रोकने के लिए पर्याप्त प्रावधान हैं.
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पंजाब में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ‘‘मेरा मानना है कि यह व्यक्तिगत पसंद का मामला है कि कोई किस धर्म का पालन करना चाहता है. और यह पूरी तरह से व्यक्तिगत मामला है जिसमें किसी को भी हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है. किसी भी सरकार को इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है और यह किसी का संवैधानिक अधिकार है.’’
धर्मांतरण विरोधी कानून लाने पर अपनी पार्टी के रुख के बारे में पूछे जाने पर आप प्रमुख ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर किसी का धर्म परिवर्तन प्रलोभन या धमकी से किया गया है, तो यह गलत है.’’ भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधती रही है. उत्तर प्रदेश में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने पहले में एक विधेयक पारित किया था, जिसका उद्देश्य विवाह समेत धोखाधड़ी या किसी अन्य अनुचित तरीके से किए जाने वाले धर्मांतरण को रोकना था.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसी को भी धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करना गलत है और इसे रोकने के लिए जो भी कदम उठाने की जरूरत है, वह किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरी राय है और मुझे कुछ वकीलों द्वारा बताया गया है, लेकिन इसकी और जांच की जानी चाहिए कि क्या देश के मौजूदा कानून के तहत पर्याप्त धाराएं और प्रावधान हैं कि अगर कोई किसी को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करता है तो उसे ऐसा करने से रोका जा सकता है.’’ उन्होंने भाजपा पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, ‘‘आज भी देश में (जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए) पर्याप्त प्रावधान हैं. जो लोग नए कानून की बात करते हैं, वे क्या कर रहे हैं, यह एक राजनीतिक मुद्दा है.’’
बता दें कि अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने ईसाई मिशनरी पर सीमावर्ती गांवों में सिख परिवारों के जबरन धर्मांतरण के लिए कार्यक्रम चलाने का आरोप लगाया था. हालांकि, अमृतसर डॉयसीज के बिशप ने आरोपों से इनकार किया है.
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