दिल्लीः स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने सुनाया फैसला, मधु कोड़ा दोषी करार

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता समेत अन्य के खिलाफ दर्ज कोयला घोटाले के एक मामले में विशेष अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है...

Updated: December 13, 2017 11:39 AM IST

By India.com News Desk | Edited by mukesh tiwari

Coal scam: Delhi's Special CBI court holds former Jharkhand CM Madhu Koda as guilty of criminal conspiracy & section 120 B | दिल्लीः स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने सुनाया फैसला, मधु कोड़ा दोषी करार

नई दिल्ली. एक विशेष अदालत ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता को कोयला घोटाला मामले में भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों का आज दोषी ठहराया. विशेष सीबीआई न्यायाधीश भरत पराशर ने झारखंड के पूर्व सचिव ए के बासु और निजी कपंनी विनी आयरन तथा स्टील उद्योग लिमिटेड (वीआईएसयूएल) समेत कोड़ा, गुप्ता और अन्य आरोपियों को अपराधिक षड्यंत्र समेत अलग-अलग अपराधों में दोषी पाया गया है.

यह मामला झारखंड में राजहरा नॉर्थ कोयला ब्लॉक का आवंटन कोलकाता स्थित वीआईएसयूएल को देने में अनियमितताओं से जुड़ा है. अदालत सजा को लेकर दलीलें गुरुवार को सुनाएगी. वीआईएसयूएल के निदेशक वैभव तुलस्यान तथा दो लोक सेवकों बसंत कुमार भट्टाचार्य और बिपिन बिहारी सिंह तथा चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीन कुमार तुलस्यान को अदालत ने सभी आरोपों से बरी कर दिया.

अदालत ने आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक षडयंत्र) के साथ धारा 420 (धोखाधड़ी) और धारा 409 (लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात) तथा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के तहत कथित अपराधों का संज्ञान लिया था. इसके बाद इन सभी लोगों को बतौर आरोपी समन भेजा गया.

सीबीआई ने आरोप लगाया कि कंपनी ने आठ जनवरी 2007 को राजहरा नॉर्थ कोयला ब्लॉक के आवंटन के लिए आवेदन दिया था. उसने कहा कि झारखंड सरकार और इस्पात मंत्रालय ने वीआईयूएसएल को कोयला ब्लॉक का आवंटन करने की सिफारिश नहीं की थी इसके बावजूद 36वीं स्क्रीनिंग कमेटी ने आरोपी कंपनी को ब्लॉक का आवंटन करने की सिफारिश की.

सीबीआई ने कहा कि स्क्रीनिंग कमेटी के तत्कालीन चेयरमैन गुप्ता ने यह तथ्य तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से छिपाया कि झारखंड सरकार ने वीआईएसयूएल को कोयला ब्लॉक का आवंटन करने की सिफारिश नहीं की है. उस समय कोयला मंत्रालय का प्रभार मनमोहन सिंह के पास ही था.

सीबीआई ने आरोप लगाया कि कोड़ा, बासु और दो आरोपी लोक सेवकों ने वीआईएसयूएल को कोयला ब्लॉक का आवंटन करने के लिए साजिश रची. आरोपियों ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार कर दिया है.

कोड़ा, गुप्ता और कंपनी के अलावा, मामले में अन्य आरोपी झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव ए के बसु, दो लोक सेवक — बसंत कुमार भट्टाचार्य, बिपिन बिहारी सिंह, वीआईएसयूएल के निदेशक वैभव तुलस्यान, कोड़ा के कथित करीबी सहयोगी विजय जोशी और चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीन कुमार तुलस्यान शामिल थे. 8 आरोपी उनके खिलाफ जारी समन के बाद अदालत में पेश हुए थे. इसके बाद अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी.

अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी ( आपराधिक साजिश), 420 ( धोखाधड़ी) 409 ( सरकारी कर्मियों द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और भ्रष्टाचार की रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज मामले का संज्ञान लिया था और इसके बाद उन्हें आरोपी के तौर समन किया गया था. जिरह के दौरान सीबीआई ने कहा था कि कंपनी ने आठ जनवरी 2007 को राजहरा नॉर्थ कोयला ब्लॉक के आवंटन के लिए आवेदन किया था.

सीबीआई ने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार और इस्पात मंत्रालय ने वीआईएसयूएल को कोयला खंड आवंटन करने की अनुशंसा नहीं थी बल्कि 36वीं अनुवीक्षण समिति (स्क्रींनिग कमेटी) ने आरोपित कंपनी को खंड आवंटित करने की सिफारिश की थी. सीबीआई ने कहा कि अनुवीक्षण समिति के अध्यक्ष गुप्ता ने कोयला मंत्रालय का प्रभार भी देख रहे तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कथित तौर पर इन तथ्यों को छुपाया कि झारखंड सरकार ने वीआईएसयूएल को कोयला ब्लॉक आवंटन करने की सिफारिश नहीं की थी.

एजेंसी ने कहा कि कोड़ा, बसु और दो आरोपी लोकसेवकों ने वीआईएसयूएल को कोयला ब्लॉक आवंटित करने के पक्ष में साजिश रची. आरोपियों ने खुद पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया है.

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