
सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा, ‘अदालतों की आलोचना बढ़ती जा रही है, अब हर कोई कर रहा है’
ये मामला कार्टूनिस्ट रचित तनेजा और ‘स्टैंड अप कॉमेडियन’ कुणाल कामरा से जुड़ा है. जानिए.

Contempt case against comic artist: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि अदालतों की ‘‘आलोचना बढ़ती जा रही है और अब हर कोई ऐसा कर रहा है.’’ इसके साथ ही अदालत ने कार्टूनिस्ट रचित तनेजा को एक याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया जिसमें न्यायपालिका के खिलाफ उनके कथित अपमानजनक ट्वीट पर अवमानना संबंधी कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है.
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इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने उन याचिकाओं पर सुनवाई दो हफ्ते के लिए स्थगित कर दी जिनमें ‘स्टैंड अप कॉमेडियन’ कुणाल कामरा के खिलाफ अवमानना संबंधी कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्हें कलाकार की तरफ से जवाब मिल गया है जिसके बाद अदालत ने सुनवाई दो हफ्ते के लिए स्थगित कर दी.
कामरा मामले में कुछ याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए वकील निशांत कंटेश्वरकर ने न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर. एस. रेड्डी और न्यायमूर्ति एम. आर. शाह की पीठ को सूचित किया कि कॉमेडियन का जवाब मिल गया है और मामले पर सुनवाई दो हफ्ते बाद सूचीबद्ध की जाए.
पीठ इसपर सहमत हो गई और कहा कि वह दो हफ्ते बाद मामले पर सुनवाई करेगी. इसके साथ ही एक अन्य याचिका पर तनेजा की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि उनके खिलाफ दायर याचिका पर वह जवाब पेश करेंगे.
बहरहाल, पीठ ने कहा कि आलोचना ‘‘बढ़ती जा रही है और हर कोई ऐसा कर रहा है.’’ रोहतगी ने कहा कि अदालत की आलोचना कभी भी अवमानना नहीं हो सकती है और वह 25 वर्ष की युवती है. उन्होंने कहा कि आम धारणा है कि अदालत की छुट्टियों के दौरान एक पत्रकार की याचिका पर सुनवाई क्यों की गई.
पीठ ने कहा, ‘‘अगर आप जवाब दाखिल नहीं करना चाहते हैं तो हम आगे बढ़ेंगे. बेहतर है कि आप जवाब दाखिल करें.’’ रोहतगी ने कहा कि वह जवाब दाखिल करेंगे और उन्होंने इसके लिए तीन हफ्ते का जवाब मांगा. पीठ ने कहा कि वह तीन हफ्ते बाद मामले को सूचीबद्ध करेगा.
उच्चतम न्यायालय के खिलाफ कामरा और तनेजा के कथित अपमानजनक ट्वीट को लेकर शीर्ष अदालत ने 18 दिसंबर को कारण बताओ नोटिस जारी किए थे. दो अलग-अलग मामलों में शीर्ष अदालत ने नोटिस पर छह हफ्ते के अंदर उनका जवाब मांगा था और उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दे दी थी.
शीर्ष अदालत ने कहा था कि अलग-अलग मामलों में दोनों कॉमिक कलाकारों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने अपनी सहमति दे दी है. उच्चतम न्यायालय की आपराधिक अवमानना में दो हजार रुपये तक का जुर्माना और छह महीने तक की कैद हो सकती है.
(इनपुट भाषा)
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