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CoronaVirus In India: आज मिले 2.86 लाख नए कोरोना मरीज, 573 की हुई मौत, वैक्सीन का बूस्टर डोज किसे, जानिए

आज भारत में कोरोना के 2.86 लाख नए मरीज मिले हैं लेकिन ठीक होने वालों की संख्या तीन लाख से ज्यादा है. वहीं आज कोरोना संक्रमण से 573 की मौत हुई है. इस बीच आपका ये जानना जरूरी है कि किसे कोरोना की बूस्टर डोज लगाया जाएगा.

Updated: January 27, 2022 10:10 AM IST

By Kajal Kumari

corona vaccination
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CoronaVirus In India: भारत में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना के कुल 2 लाख 86 हजार नए मरीज मिले हैं और 573 कोरोना मरीजों की मौत हुई है. लेकिन राहत की बात यह है कि कोरोना से बीते 24 घंटे में स्वस्थ होनेवाले मरीजों की संख्या तीन लाख रही है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटे में देश में 3,06,357 मरीज स्वस्थ हुए हैं. इसके साथ ही अब तक रिकवर होने वाले लोगों की कुल संख्या 3,76,77,328 हो चुकी है. रिकवरी रेट की बात करें तो यह 93.33 प्रतिशत है. वहीं, बीते 24 घंटे में 2,86,384 नए मामले सामने आए हैं और  दैनिक पॉजिटिविटी रेट 17.75 प्रतिशत रही है. इससे पहले बुधवार को 2.85 लाख केस सामने आए थे, जबकि 665 लोगों की कोरोना के चलते मौत हो गई थी.

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कोरोना वैक्सीन का बूस्टर डोज

कोरोना वैक्सीन की तीसरी खुराक यानी प्रिकॉशनरी डोज (Covid-19 Vaccine Booster Shot) सबको नहीं लगाई जाएगी. बूस्टर डोज देश में फिलहाल हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और पहले से किसी अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित 60 साल से ऊपर के लोगों को लगाया जा रहा है. इसके अलावा वैक्सीन का दूसरा डोज ले चुके बाकी ग्रुप के लोग भी प्रिकॉशनरी डोज का इंतजार कर रहे हैं. इसे लेकर सरकार जल्द ही बूस्टर डोज के लिए अपनी पॉलिसी (Covid Vaccination Policy of India) पर फिर से विचार कर सकती है.

आधिकारिक सूत्रों के हवाले से अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को मिली जानकारी में बताया है कि हो सकता है कि बाकी एज ग्रुप के लोगों को प्रिकॉशनरी डोज न लगाया जाए, दरअसल, एक्सपर्ट्स को तीसरे डोज के फायदों को लेकर संदेह है.

जानिए क्यों नहीं दी जाएगी सबको बूस्टर डोज

एक वरिष्ठ अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि हेल्थकेयर वर्कर्स और पहले से किसी अन्य गंभीर बीमारी से जूझ रहे 60 साल से ऊपर के लोगों को तीसरा डोज मौजूदा वैक्सीनेशन पॉलिसी के तहत जारी रहेगा.अधिकारी ने बताया, ‘बूस्टर्स पर बहुत सोच-समझकर पॉलिसी में बदलाव करना होगा. जिन भी देशों में तीसरा डोज लगा, वो फायदेमंद नहीं दिखा है इसके अलावा हम आंख मूंदकर किसी भी देश के रास्ते पर नहीं चल सकते कि उसने ऐसा किया है. हमें अपने स्थानीय महामारी विशेषज्ञों को सुनना है, विज्ञान की सुनना है और हमारे फैसले मूल्यांकन पर आधारित होंगे.’

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Published Date: January 27, 2022 10:04 AM IST

Updated Date: January 27, 2022 10:10 AM IST