
Coronavirus Update: केरल और महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों ने बढ़ाई सरकार की टेंशन, बुलाई हाईलेवल मीटिंग
Coronavirus Update: देश में कोरोना की दूसरी लहर का कहर धीरे-धीरे कम हुआ है, हालांकि कुछ राज्यों में बढ़ते मामलों ने सरकार की टेंशन बढ़ा दी.

Coronavirus Update: देश में कोरोना की दूसरी लहर का कहर धीरे-धीरे कम हुआ है, हालांकि कुछ राज्यों में बढ़ते मामलों ने सरकार की टेंशन बढ़ा दी. केरल में बुधवार को कोरोना के 31 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए. वहीं, महाराष्ट्र में भी यह आंकड़ा 5000 के आसपास बना हुआ है. दोनों राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए केंद्रीय गृह सचिव और स्वास्थ्य सचिव आज शाम बैठक करेंगे. इन दोनों राज्यों में मौजूदा स्थिति और रोकथाम के प्रयासों पर चर्चा करने के लिए संबंधित राज्यों के मुख्य सचिव और वरिष्ठ अधिकारी भी इस वर्चुअल मीटिंग में मौजूद रहेंगे. न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है.
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केरल में कोरोना के 1,70,829 एक्टिव मामले हैं वहीं, महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 53,695 है. महाराष्ट्र कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य रहा है और यहां अब तक 1,36,571 लोगों की इस जानलेवा वायरस से मौत हो चुकी है. वहीं, केरल में लगभग 20 हजार लोगों की मौत हुई है.
Union Home Secy, Health Secretary to hold a virtual meet today at 5 pm in view of rising COVID cases in Kerala & Maharashtra. Respective states' Chief Secretary & senior officers will be present to discuss prevailing situation and containment efforts in these two states: Sources
— ANI (@ANI) August 26, 2021
उधर, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और संसदीय मामलों के मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि केरल सरकार की ‘लापरवाही’ राज्य में कोविड-19 के मामलों और संक्रमण दर में वृद्धि की वजह है. जबकि राज्य सरकार का ध्यान मोपला विद्रोह की वर्षगांठ मनाने पर है. दक्षिणी राज्य में बुधवार को कोरोना वायरस के 31,445 नए मामले सामने आए. राज्य में कल 215 मरीजों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 19,972 पर पहुंच गई, जबकि संक्रमण दर बढ़कर 19.03 प्रतिशत है.
केरल में तीन महीने के अंतराल के बाद 30,000 से अधिक मामले आए हैं. यहां आखिरी बार कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान 20 मई को 30,000 के पार मामले दर्ज किए गए थे.
नयी दिल्ली में संवाददाताओं से मंत्री ने कहा कि संक्रमण के नए मामलों में वृद्धि, बढ़ती जांच संक्रमण दर (टीपीआर) और मृतकों की संख्या यह दिखाती है कि राज्य महामारी के बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है. उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार की लापरवाही इसकी वजह है.’ उन्होंने कहा कि वाम सरकार का ध्यान मोपला दंगों की वर्षगांठ मनाने पर केंद्रित है. उन्होंने कहा, ‘यह प्राथमिकता नहीं है. कोविड-19 से निपटना प्राथमिकता होनी चाहिए.’
कांग्रेस विधायक रमेश चेन्नीथला ने भी ऐसे ही विचार प्रकट किए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य में महामारी को फैलने से रोकने में नाकाम रही है और उन्होंने मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन से लोगों से माफी मांगने को कहा. उन्होंने यह भी कहा कि केरल में कोविड-19 के मामले बढ़ने के पीछे राज्य की ‘लापरवाही’ वजह है.
मुरलीधरन ने कहा कि केरल का दौरा करने वाले केंद्रीय दल ने भी हाल में राज्य में कोविड रोकथाम उपायों में कमियों का जिक्र किया. उन्होंने आरोप लगाया कि केरल सरकार की घर पर पृथक वास की नीति संक्रमण को फैलने से रोकने में नाकाम रही है और इसके परिणामस्वरूप अस्पतालों पर बोझ बढ़ गया. उन्होंने कहा कि राज्य को कोविड-19 को और फैलने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है. चिकित्सा विशेषज्ञों ने अनुमान जताया कि ओणम पर्व के बाद टीपीआर 20 प्रतिशत के पार जाएगी और संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़ेगी.
(इनपुट: ANI,भाषा)
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