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Criminal Procedure Id Bill: अपराधियों की जानकारी जुटाने के लिए टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की अनुमति देने वाला विधेयक लोकसभा में होगा पेश

सरकार आज लोकसभा में दंड प्रक्रिया पहचान विधेयक (Criminal Procedure Identification Bill) पेश कर सकती है जिसमें किसी अपराध के मामले में गिरफ्तार और दोष साबित हो चुके अपराधियों का रिकार्ड रखने के लिये हाईटेक टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की अनुमति देने का प्रस्ताव किया गया है.

Updated: March 28, 2022 9:31 AM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Nitesh Srivastava

Criminal Procedure Id Bill: अपराधियों की जानकारी जुटाने के लिए टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की अनुमति देने वाला विधेयक लोकसभा में होगा पेश

Criminal Procedure Identification Bill 2022: सरकार आज लोकसभा में दंड प्रक्रिया पहचान विधेयक (Criminal Procedure Identification Bill) पेश कर सकती है जिसमें किसी अपराध के मामले में गिरफ्तार और दोष साबित हो चुके अपराधियों का रिकार्ड रखने के लिये हाईटेक टेक्नोलॉजी (High Technology For Criminal Record) के इस्तेमाल की अनुमति देने का प्रस्ताव किया गया है. लोकसभा (Lok Sabha) की कार्यसूची के अनुसार, यह विधेयक आज निचले सदन में पेश किये जाने के लिये लिस्टेड है. बताते चलें कि इस बिल को हाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी.

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प्रस्तावित विधेयक के माध्यम से साल 1920 के कैदियों की पहचान संबंधी कानून को बदलने का प्रस्ताव किया गया है. ब्रिटिश काल के वर्तमान कानून में उन दोष सिद्ध अपराधियों और अपराध के मामले में गिरफ्तार लोगों के शरीर के सीमित स्तर पर माप की अनुमति दी गई है जिसमें एक साल या उससे अधिक सश्रम कारावास का प्रावधान होता है.

सूत्रों के अनुसार, मसौदा विधेयक में दोषियों और अपराध के मामले में गिरफ्तार लोगों का अलग-अलग तरह का ब्यौरा इकट्ठा करने की अनुमति देने की बात कही गई है जिसमें अंगुली और हथेली की छाप या प्रिंट, पैरों की छाप, फोटो, आंखों की पुतली, रेटिना, लिखावट के नमूने आदि शामिल हैं. सरकार का मानना है कि अधिक से अधिक ब्यौरा मिलने से दोष सिद्धि दर में बढ़ोतरी होगी और जांचकर्ताओं को अपराधियों को पकड़ने में सुविधा होगी.

इसके अतिरिक्त लोकसभा में ‘संविधान अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों आदेश दूसरा संशोधन विधेयक 2022’ पेश किया जाएगा. यह विधेयक भी आज लोकसभा में पेश किए जाने के लिये सूचीबद्ध है. इस विधेयक में संविधान अनुसूचित जातियां आदेश 1950 और संविधान अनुसूचित जातियां उत्तर प्रदेश आदेश 1967 का और संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है.

निचले सदन में संविधान अनुसूचित जनजातियां आदेश संशोधन विधेयक 2022 भी पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है. इसमें त्रिपुरा राज्य के संबंध में अनुसूचित जनजातियों की सूची में कुछ समुदायों को शामिल करने के लिए संविधान अनुसूचित जनजातियां आदेश 1950 का और संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है.

इनपुट- भाषा

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