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दिल्ली महिला आयोग ने SBI के खिलाफ जारी किया नोटिस, गर्भवती महिला उम्मीदवारों के लिए बनाए नियमों को बताया भेदभावपूर्ण व्यवहार

दिल्ली महिला आयोग (Delhi Commission for Women) ने SBI को एक नोटिस जारी कर महिला अभ्यर्थियों के लिए बनाए गए नियमों को वापस लेने की अपील की है.

Updated: January 29, 2022 10:50 AM IST

By Nitesh Srivastava

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दिल्ली महिला आयोग (Delhi Commission for Women) ने SBI को एक नोटिस जारी कर महिला अभ्यर्थियों के लिए बनाए गए नियमों को वापस लेने की अपील की है. बैंक के नए नियम के अनुसार यदि कोई महिला अभ्यर्थी तीन महीने से अधिक की गर्भवती है तो उसे अस्थायी रूप से अयोग्य माना जाएगा. DCW प्रमुख स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने भेदभावपूर्ण बताते हुए इसे हटाने की अपील की है. बताते चलें कि नए दिशा-निर्देशों के अनुसार ऐसी महिला प्रसव होने के 4 महीने के भीतर ड्यूटी ज्वाइन कर सकती है. इससे पहले 6 महीने की गर्भावस्था वाली महिला उम्मीदवारों को अलग अलग शर्तो के साथ बैंक काम करने की अनुमति थी.

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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) के इस नई गाइडलाइन की इंप्लाइज एसोसिएशन ने भी आलोचना की है. नई भर्तियों और प्रमोशन के लिए अपने नए मेडिकल फिटनेस दिशानिर्देशों में बैंक ने कहा कि एक अभ्यर्थी को तभी फिट माना जाएगा जब वह तीन महीने से कम की प्रेग्नेंट हो. हालांकि अगर वह 3 महीने से ज्यादा की गर्भवती है तो उसे अस्थायी रूप से अयोग्य माना जाएगा और उसे बच्चे के पैदा होने के चार महीने के भीतर शामिल होने की अनुमति दी जा सकती है.

प्रमोशन के संबंध में संशोधित मानक एक अप्रैल 2022 से लागू होंगे. नई शर्तो में यह भी शामिल है कि एक स्त्री रोग विशेषषज्ञ द्वारा जारी प्रमाणपत्र भी पेश करना होगा, जिसमें लिखा होगा कि ऐसी हालत में बैंक की नौकरी करने से उसकी गर्भावस्था या भ्रण के विकास में कोई दिक्कत नहीं होगी, स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा या उसका गर्भपात नहीं होगा.

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Published Date: January 29, 2022 10:50 AM IST

Updated Date: January 29, 2022 10:50 AM IST