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नई दिल्ली: चुनाव करीब आते ही हर पक्ष के नेताओं की तरफ से बयानबाजी शुरू हो जाती है. ये बयानबाजी आरोप और प्रत्यारोप के बीच खूब सुर्खियां बंटोरने का काम भी करते हैं. पिछले कुछ दिनों से हर पार्टियों की तरफ से ढेरों तार्किक का बेतुके बयान सामने आ रहे हैं. चुनाव की इसी प्रथा को आगे बढ़ाते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) पर केंद्र की योजनाओं को दिल्ली में लागू नहीं करने का आरोप लगाया. मोती बाग में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून पर व्याप्त डर को दूर करने का भी प्रयास किया. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह कानून किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं है. सिंह ने आरोप लगाया कि केजरीवाल नीत दिल्ली की सरकार ने पिछले पांच साल में कुछ नहीं किया.
उन्होंने दावा किया कि आप ने दिल्ली परिवहन निगम में पांच हजार अतिरिक्त बसें चलाने का वादा किया था लेकिन केवल एक हजार बसें ही चलाई गईं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पेंशन योजना, केंद्र सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना और आयुष्मान भारत योजना ऐसी योजनाएं हैं, जिन्हें केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में लागू करने की अनुमति नहीं दी.
वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल स्वयं को ”अराजकतावादी” बताया था और ”एक अराजकतावादी और आतंकवादी में बहुत ज्यादा का फर्क नहीं होता है.” केजरीवाल को कथित तौर पर ”आतंकवादी” कहने को लेकर निर्वाचन आयोग द्वारा भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के बाद जावड़ेकर ने यह बयान दिया है.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ”केजरीवाल अब एकदम मासूम चेहरा करके सवाल कर रहे हैं कि ‘क्या मैं आतंकवादी हूं?’ आप आतंकवादी हैं और यह साबित करने के लिए बहुत सबूत हैं. आपने खुद ही कहा था कि आप अराजकतावादी हैं. अराजकतावादी और आतंकवादी में ज्यादा फर्क नहीं होता है.”
इनपुट-भाषा
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