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झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा नहीं लड़ पाएंगे चुनाव, High Court ने खारिज की याचिका
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की कोयला घोटाले में दोष सिद्धी पर अदालत का रोक लगाने से इनकार
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की कोयला घोटाले में दोषसिद्धी पर रोक लगाने से इनकार करते हुए शुक्रवार को कहा कि उनके पूरी तरह निर्दोष साबित नहीं होने तक उन्हें किसी भी तरह के सार्वजनिक पद के लिए चुनाव लड़ने की अनुमति देना उचित नहीं होगा.
न्यायमूर्ति विभु बाखरु ने कहा कि व्यापक राय यह है कि अपराधों से जुड़े व्यक्तियों को सार्वजनिक पदों के लिए चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए. लिहाजा कोड़ा के पाक-साफ होने तक दोषी करार दिए जाने पर रोक लगाना ठीक नहीं है.
एक निचली अदालत ने कोड़ा को झारखंड स्थित कोयला ब्लॉकों के कोलकाता स्थित कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड को आवंटन में 2017 में भ्रष्टाचार और षडयंत्र का दोषी पाया था.
The High Court says “it would not be apposite to facilitate appellant to contest elections for any public office, till he is finally acquitted.” https://t.co/uEpRd5L8rZ
— ANI (@ANI) May 22, 2020
कोड़ा ने 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अपनी दोषसिद्धी पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी. अदालत ने 19 मार्च को उनकी याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. अदालत ने कहा, ‘याचिकाकर्ता को तब तक सार्वजनिक पदों के चुनाव लड़ने देने की अनुमति देना ठीक नहीं है, जब तक कि वह निर्दोष साबित न हो जाएं.’
अदालत ने कहा, ‘अपीलकर्ता (कोड़ा) को मुकदमे के बाद अपराध का दोषी करार दिया गया है. उनकी दोषसिद्धी का एक परिणाम यह हुआ कि अपीलकर्ता सार्वजनिक पद पर रहने योग्य नहीं रहा है. हालांकि यह तर्क दिया जाता है कि इससे अन्याय होगा और अपरिवर्तनीय परिणाम होंगे, लिहाजा न्यायालय को इसके व्यापक प्रभावों पर भी विचार करना चाहिए.’
हाईकोर्ट ने कहा कि हाल के दिनों में यह मांग तेज हुई है कि राजनीति को अपराधमुक्त करने के लिए कदम उठाए जाएं, क्योंकि ‘बड़ी संख्या में, आपराधिक पृष्ठभूमि या संगीन आरोपों का सामना कर रहे व्यक्ति विधानसभाओं और संसद के चुनाव लड़ते हैं और जीत जाते हैं. हाईकोर्ट ने कहा, ‘यह चिंता का विषय है.’
अदालत ने कहा, ‘विधि आयोग ने अपनी 244वीं रिपोर्ट मे भी सिफारिश की थी कि एक व्यक्ति जिसके खिलाफ आरोप लगाए गए हैं, उसे चुनाव के लिए अयोग्य घोषित जाना चाहिये. स्पष्ट है कि अगर व्यापक राय यह है कि अपराधों से जुड़े व्यक्तियों को सार्वजनिक पदों के लिये चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए, तो याचिकाकर्ता के पाक-साफ होने तक दोषी करार दिये जाने पर रोक लगाना ठीक नहीं है.’
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