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Delhi-NCR में अरबों का हवाला, ऑपरेटर लुओ सांग फर्जी पासपोर्ट के साथ अरेस्ट, चीनी खुफिया एजेंट होने का शक
कई शेल कंपनियों के जरिए 1,000 करोड़ रुपए से अधिक के लेनदेन से जुड़ा है दिल्ली-एनसीआर का बड़ा हवाला मामला
नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में चल रहे अरबों रुपए के हवाला गिरोह के सरगना लुओ सांग उर्फ चार्ली पेंग को गिरफ्तार किया गया है. सांग पर चीनी खुफिया सर्विस का एजेंट होने का शक है. सांग पर चीन के मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी (एमएसएस) से जुड़े होने का शक है. लुओ सांग ने 40 से अधिक बैंक खाते संचालित किए, जो कई शेल कंपनियों से जुड़े थे. विभाग ने कहा कि हवाला संचालन 1,000 करोड़ रुपए से अधिक के लेनदेन से जुड़ा था. फिलहाल विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों द्वारा लुओ सांग का गहन पूछताछ जारी है.
शीर्ष खुफिया सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि जाली आधार कार्ड और यात्रा दस्तावेज के जरिए सांग ने चार्ली पेंग के नाम से नकली भारतीय पहचान बनाई थी. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने उसे 2018 में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था.
तिब्बत के ल्हासा में चेंग गुआन जू का स्थायी निवासी लुओ सांग लगभग सात से आठ साल पहले ल्हासा में एमएसएस के संपर्क में आया था, जो चीन की बाहरी खुफिया एजेंसी के रूप में कार्य करती है.
Nabbed in a crackdown on a multi-billion #hawala racket operating in Delhi-NCR, Luo Sang, alias Charlie Peng, is suspected to be an agent of the #Chinese intelligence service, the Ministry of State Security (MSS).#MoneyLaundering pic.twitter.com/F6sbHxYbcN
— IANS Tweets (@ians_india) August 12, 2020
सूत्रों का कहना है कि उसे शुरू में नेपाल भेजा गया था, जहां पर काठमांडू में चीनी दूतावास के अधिकारियों द्वारा उसकी मदद की गई थी. सूत्रों ने बताया कि वह मनी एक्सचेंज और हवाला ऑपरेशन के साथ ही अकाउंट संबंधी कार्यों में प्रशिक्षित है.
सूत्रों ने कहा कि इसके बाद वह तब भारत आया था, जहां वह तिब्बती शरणार्थियों और भारत में दलाई लामा के करीबी लोगों के ठिकानों पर गहनता से जानकारी जुटा रहा था.
13 सितंबर, 2018 को, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने लुओ सांग को भारत में जासूसी कार्यों में संलिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार किया और उसके पास से मणिपुर से खरीदे गए एक जाली भारतीय पासपोर्ट को जब्त किया गया.
पूछताछ के दौरान, यह पता चला कि वह 2013 में भारत में आया और मणिपुर में बस गया. उसने एक भारतीय महिला से शादी की और किराए के घर में रहने लगा. पूर्वोत्तर राज्य में बिताए समय ने लुओ सांग को एक भारतीय पहचान प्राप्त करने में सक्षम बनाया, जो उसके आगे के कार्य के लिए आवश्यक था. कुछ साल पहले वह मणिपुर से दिल्ली आ गया था.
सूत्रों ने कहा कि लुओ सांग दिल्ली से परिचित था और डीएलएफ फेज-5, गुरुग्राम में शिफ्ट होने से पहले द्वारका में रहता था. यह संदेह है कि उसे सीमा पार से एमएसएस द्वारा नियंत्रित किया जा रहा था.
दिल्ली में, उसने एनसीआर में रहने वाले तिब्बती लोगों के बारे में जानकारी इकट्ठा करना शुरू कर दिया. अपने जासूसी अभियानों को आगे बढ़ाने के लिए वह मनी एक्सचेंज और हवाला ऑपरेशन में शामिल हो गया. वह ई-कॉमर्स कंपनियों और वित्तीय संस्थानों के बारे में भी जानकारी एकत्र कर रहा था.
स्पेशल सेल की टीम ने एक एसयूवी फॉर्चूनर, विदेशी मुद्रा और लुओ सांग के कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए थे, जब उसे 2018 में हिमाचल प्रदेश और सीमावर्ती क्षेत्रों में कुछ संवेदनशील स्थानों पर जाने के संदेह में पकड़ा गया था. सूत्रों ने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा अदालत में पेश किए जाने के बाद चीनी एजेंट ने जेल में महीनों बिताने के बाद जमानत हासिल करने के लिए कुछ संपर्कों का इस्तेमाल किया.
आयकर विभाग ने मंगलवार को कुछ चीनी व्यक्तियों और भारतीय पेशेवरों को कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला लेनदेन में शामिल होने के आरोप में गिरफ्त में लिया. इन लोगों में लुओ सांग भी शामिल था, जो मास्टरमाइंड में से एक था.
विभाग ने खुलासा किया कि लुओ सांग ने 40 से अधिक बैंक खाते संचालित किए, जो कई शेल कंपनियों से जुड़े थे. विभाग ने कहा कि हवाला संचालन 1,000 करोड़ रुपए से अधिक के लेनदेन से जुड़ा था. फिलहाल विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों द्वारा लुओ सांग का गहन पूछताछ जारी है.
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