
गर्लफ्रेंड को शॉपिंग करानी थी, इंजीनियर ने खुद को CM बताकर विधायक को ठगने का बनाया प्लान, फिर...
गर्लफ्रेंड को शॉपिंग कराने के लिए इंजीनियर ने नेताओं को ही ठगना शुरू कर दिया. चौंकाने वाली बात ये है कि इंजीनियर ने दो मंत्रियों और तीन विधायकों से 1.80 करोड़ रुपये ठगे थे.

जयपुर: गर्लफ्रेंड को शॉपिंग कराने के लिए इंजीनियर ने जो किया, उससे विधायकजी को भी झटका लग गया. और पुलिस हैरान रह गई. गर्लफ्रेंड के शौक पूरे करने के लिए एक कंप्यूटर इंजीनियर ने खुद को सीएम बताया और विधायक को ही ठग लिया. राजस्थान पुलिस ने अब इसे अरेस्ट कर लिया है. नेताओं को धोखा देने के मामले में शामिल 28 वर्षीय कंप्यूटर इंजीनियर को आंध्र प्रदेश से गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार युवक पर आरोप है कि उसने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम पर साइबर धोखाधड़ी करने का प्रयास किया. चौंकाने वाली बात ये है कि 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के नाम पर आंध्र प्रदेश के दो मंत्रियों और तीन विधायकों से 1.80 करोड़ रुपये ठगे थे.
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पुलिस ने बताया कि आरोपी ने 24 अप्रैल को तिजारा (अलवर) के विधायक संदीप यादव को कथित तौर पर एक नंबर से व्हाट्सएप पर संपर्क किया. इस नंबर की प्रोफाइल में गहलोत की पारिवारिक तस्वीर लगी थी. संक्षिप्त बातचीत के बाद आरोपी ने विधायक से गूगलपे के माध्यम से 30,000 रुपये जमा करने के लिए कहा. शक होने पर कांग्रेस विधायक ने जयपुर में मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क कर नंबर की जानकारी ली, तब स्पष्ट हुआ कि उनके साथ धोखाधड़ी की कोशिश हुई है. उन्होंने बताया कि इसके बाद विधायक ने 26 अप्रैल को भिवाड़ी (अलवर) पुलिस को मामले की जानकारी दी. भिवाड़ी के पुलिस अधीक्षक शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी युवक ने पैसे भेजने के लिए जो नंबर दिया था वह जांच में आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम का निकला. इस पर पुलिस निरीक्षक जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक टीम को आरोपी का पता लगाने के लिए हवाई मार्ग से विशाखापत्तनम भेजा गया.
उन्होंने बताया कि पुलिस, मोबाइल नंबर के आधार पर विशाखापत्तनम की आरएच कॉलोनी के पते पर पहुंची, लेकिन वहां कोई नहीं रह रहा था. इसके बाद टीम ने इलाके के तीन किलोमीटर दायरे में घूमकर कई स्थानीय लोगों से बात कर आरोपी के बारे में जानकारी जुटाई. उन्होंने बताया कि टीम को एक नए फोन नंबर की जानकारी मिली जो एक महिला संध्या सिंह चला रही थी, जिसके आधार पर पुलिस टीम उसके पते पर पहुंची. महिला के पति के. शिवा ने पुलिस को बताया कि उसके दोस्त सागर उर्फ पांडिरी विष्णु मूर्ति ने 24 अप्रैल को उसका गूगलपे नंबर मांगा था, जिसके बाद सागर के लोकेशन का पता लगाया गया और उसे पकड़ लिया गया.
उन्होंने बताया कि सागर को पूछताछ के लिए विशाखापत्तनम के गजुवाका पुलिस थाना ले जाया गया. सिंह ने दावा किया कि सागर ने स्वीकार किया है कि उसने खुद को राजस्थान का मुख्यमंत्री बताकर विधायक से संपर्क किया था. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि ‘‘आरोपी का आपराधिक रिकॉर्ड है और उसने मुख्यमंत्रियों सहित कई नेताओं को निशाना बनाने की योजना बनाई थी. उसने 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के नाम पर आंध्र प्रदेश के दो मंत्रियों और तीन विधायकों से 1.80 करोड़ रुपये ठगे थे.’’ उन्होंने बताया कि उक्त घटना के बाद आंध्र प्रदेश पुलिस को सागर को गिरफ्तार करने में पांच महीने लगे थे.
सिंह ने कहा कि आंध्र प्रदेश में सगर के खिलाफ चार मामले दर्ज हैं, वह कंप्यूटर विज्ञान में बी.टेक डिग्री धारक हैं और कंप्यूटर व मोबाइल फोन हैक करने में माहिर हैं. उन्होंने बताया कि आरोपी अन्य देशों के वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) सर्वर का उपयोग करता है ताकि उसके अपने आईपी (इंटरनेट पते) का पता नहीं चल सके. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सागर मोबाइल फोन हैक करने के बाद संपर्क सूची प्राप्त करता है और फिर वर्चुअल नंबरों के माध्यम से लोगों से संपर्क करके अपराध करता है. उन्होंने बताया कि वह धोखाधड़ी से मिलने वाले धन का उपयोग अपनी प्रेमिका के महंगे शौक को पूरा करने के लिए करता है. पुलिस अधिकारी के अनुसार इससे पहले उसने अपनी प्रेमिका के लिए विशाखापत्तनम में 80 लाख रुपये में लग्जरी फ्लैट खरीदा था.
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