
खुशखबरी! पिछले 6 महीने में आईं 22 लाख नौकरियां, इस डेटा से मिली जानकारी
ये आंकेड़े कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) और नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के आधार पर दिेए गए हैं.

नई दिल्ली. अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है. इकॉनमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले छह महीने में 2.2 मिलियन नई नौकरियां जुड़ी हैं. ये आंकेड़े कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) और नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के आधार पर दिेए गए हैं. पहली बार जारी किए गे इस आंकड़े नई नौकरियों के सृजन के सरकार के दावे को बल मिला है.
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ईपीएफओ डेटा के मुताबिक, इस दौरान उम्र के कई समूहों में नए लोग जुड़े. इसमें 18-25 साल के लोगों को नई नौकरियों के लिए प्रॉक्सी माना जाता है. इनकी संख्या 1.85 मिलियन है. इस तरह का उम्र के हिसाब से कैटगरी निर्धारित करना भी नया है. एनपीएस के केस में देखें तो सेंट्रल और गवर्नमेंट सेक्टर में 350,000 नए अकाउंट खुले. यह नई नौकरियों को 2.2 मिलियन तक पहुंचाता है.
इस डेटा के बाद मोदी सरकार को थोड़ी राहत मिली होगी, क्योंकि पिछले काफी समय से रोजगार को लेकर सरकार घिरी हुई थी.
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) ने बुधवार को पेरोल कर्मचारियों की संख्या भी जारी की है. चूंकि ये आधार से नहीं जुड़ें थे, इसलिए इनकी संख्या में अंतर आ सकते हैं. 18-28 साल की उम्र के हिसाब से देखें तो 830,000 कर्मचारियों की वृद्धि हुई है, जिससे 6 महीने में कुल नौकरियों की संख्या 3 मिलियन तक पहुंच जा रही है.
भारत के ऑर्गनाइज्ड सेक्टर की पेरोल डाटा ईपीएफओ और ईएसआईसी के अंतर्गत रजिस्टर्ड फर्म को मिलाकर ही देखा जाता है. हालांकि, कर्मचारी भविष्य निधी एक्ट के अंतर्गत सिर्फ ऐसी ही कंपनी को लिया जाता है, जिसमें 20 या 20 से ज्यादा कर्मचारियों की संख्या हो. दूसरी तरफ ईएसआईसी एक्ट के अंतर्गत 10 लोगों की साइज वाली भी कंपनियां आती हैं.
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