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हरियाणाः आम चुनाव से पहले खट्टर सरकार का तोहफा, बिजली हुई सस्ती, 450 रुपये मासिक की बचत होगी

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा की भाजपा सरकार ने जनता को बड़ी राहत दी है.

Updated: September 12, 2018 10:00 AM IST

By India.com Hindi News Desk

हरियाणाः आम चुनाव से पहले खट्टर सरकार का तोहफा, बिजली हुई सस्ती, 450 रुपये मासिक की बचत होगी
सीएम मनोहरलाल खट्टर (फाइल फोटो)

चंडीगढ़: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा की भाजपा सरकार ने जनता को बड़ी राहत दी है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बिजली की दरों में भारी कटौती का ऐलान किया है. लोकसभा चुनाव से पहले सरकार के इस फैसले पर राज्य विधानसभा में भारी हंगामा हुआ. नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला ने बिजली की दरें तय करने के मुख्यमंत्री के अधिकार को चुनौती दी तो खट्टर ने उन्हें दो टूक जवाब दिया, ‘‘मैं राज्य का मुख्यमंत्री हूं. मुझे पता है कि मैं क्या कर सकता हूं.’’

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प्रतिमाह 200 यूनिट तक बिजली खपत करने वालों को अब प्रति यूनिट चार रुपये की बजाय महज 2.50 रुपये की दर से भुगतान करना होगा. खट्टर ने विधानसभा में ऐलान किया कि प्रतिमाह 50 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले गरीब परिवारों को दो रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना होगा. मुख्यमंत्री ने बिजली की दरों पर सब्सिडी को ‘ऐतिहासिक फैसला’ करार दिया, जिससे 41.53 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को फायदा होगा.

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उन्होंने कहा कि घटी हुई दर से उपभोक्ताओं की 437 रुपए प्रतिमाह की बचत सुनिश्चित हो सकेगी. खट्टर ने कहा कि उन्होंने राज्य में बिजली की दरें कम करने का अपना वादा पूरा किया है. उन्होंने यह घोषणा भी की कि ‘लाल डोरा’ गांवों की सीमा के एक किलोमीटर के दायरे में स्थित ‘ढाणियों’ में बिजली के कनेक्शन नि:शुल्क दिए जाएंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्य सरकार का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि राज्य के हर घर में बिजली का कनेक्शन हो.’’ बाद में शून्य काल के दौरान इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) के नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि बिजली की दरें तय करना मुख्यमंत्री का नहीं बल्कि हरियाणा बिजली नियामक आयोग (एचईआरसी) का काम है.

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चौटाला ने पूछा, ‘‘क्या आप एचईआरसी के अध्यक्ष हैं?’’ इस पर खट्टर ने जवाब दिया, ‘‘मैं राज्य का मुख्यमंत्री हूं. नेता प्रतिपक्ष जी, मैं अच्छी तरह जानता हूं कि मैं क्या कर सकता हूं और क्या नहीं.’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जानते हैं कि बिजली की दरें तय करना एचईआरसी का काम है. उन्होंने आगे कहा, ‘‘लेकिन हम राज्य के खजाने से लोगों को सब्सिडी देना चाहते हैं, इसलिए हमें ऐसा करने का अधिकार है. हमने आज जो दरें घटाई हैं, उसका फैसला एचईआरसी ने नहीं किया.’’

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Published Date: September 12, 2018 9:57 AM IST

Updated Date: September 12, 2018 10:00 AM IST