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Board Exam के दौरान क्या हिजाब पहनने की होगी इजाजत? जानें क्या बोले कर्नाटक के शिक्षा मंत्री

Karnataka Hijab Row: कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि राज्य बोर्ड की 10वीं कक्षा की परीक्षा (10th Board Exam) के दौरान हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

Published: March 27, 2022 11:10 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Parinay Kumar

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As per the notification, students will need to remove hijab to appear for the common entrance test (CET).(Representational Image)

Karnataka Hijab Row: कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि राज्य बोर्ड की 10वीं कक्षा की परीक्षा (10th Board Exam) के दौरान हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दी जाएगी. परीक्षा सोमवार से शुरू होगी और 11 अप्रैल को संपन्न होगी. राज्य में 3,440 से अधिक केंद्रों में 40,000 से ज्यादा सभागारों में 8.76 लाख से अधिक छात्र परीक्षा में बैठने वाले हैं. नागेश ने कहा, ‘उच्च न्यायालय के आदेश के बाद हमने उसे (हिजाब पहनने) को अनुमति नहीं दी है. हमने स्पष्टीकरण दिया है कि वे (हिजाब पहनी छात्राएं) हिजाब पहनकर कैम्पस में आ सकती हैं, लेकिन उन्हें कक्षा में हिजाब उतारना होगा. परीक्षाओं के दौरान भी यह स्थिति लागू रहेगी.’ उन्होंने कहा कि परीक्षा न देने वाले छात्रों के लिए फिर से परीक्षा नहीं होगी.

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एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के वकीलों ने उच्च न्यायालय की संपूर्ण पीठ के समक्ष हिजाब के लिए दलील दी थी, जिसके बाद फैसला सुनाया गया. मंत्री ने बताया कि याचिकाकर्ताओं ने सरकारी अधिसूचना को चुनौती दी थी, जिसमें शांति, सौहार्द और लोक व्यवस्था में खलल डाल सकने वाले किसी भी वस्त्र के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है. उन्होंने दलील दी थी कि हिजाब पहनना एक मौलिक अधिकार है.

नागेश ने कहा, ‘कर्नाटक शिक्षा कानून और नियमों के अनुसार, धार्मिक भावनाएं समान पोशाक संहिता का हिस्सा नहीं होनी चाहिए. उच्च न्यायालय ने यही अधिसूचना बरकरार रखी थी. कल, पोशाक संहिता के उल्लंघन की कोई गुंजाइश नहीं है.’ उन्होंने कहा कि परीक्षा सुचारू रूप से कराने के लिए व्यवस्था की गयी है. इस बीच, यहां से 120 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित हुब्बाली में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने छात्रों से बिना डर के परीक्षा देने की अपील की.

बोम्मई ने कहा, ‘छात्रों की भलाई और कोविड-19 के असर को ध्यान में रखते हुए हमने आसान परीक्षा कराने का फैसला किया है. बच्चों को परीक्षा देनी है और अपना भविष्य बनाना है. मैं उनसे बिना किसी डर के परीक्षा देने की अपील करता हूं.’

(इनपुट: भाषा)

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