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स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों और कंपनियों ने जमा कर रखा है कितना रुपया, सरकार को नहीं मालूम; वित्त मंत्री ने कही ये बात

स्विस बैंकों में भारतीयों ने कितना धन जमा करके रखा है, सरकार के पास इसकी जानकारी नहीं है.

Published: July 25, 2022 6:44 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Zeeshan Akhtar

स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों और कंपनियों ने जमा कर रखा है कितना रुपया, सरकार को नहीं मालूम; वित्त मंत्री ने कही ये बात
निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली: स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों और कंपनियों ने कितना रुपया जमा करके रखा हुआ है, इसकी जानकारी केंद्र सरकार के पास नहीं है. लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने ये बात कही है. लोकसभा में दीपक बैज और सुरेश नारायण धानोरकर के प्रश्न के लिखित्त उत्तर में सीतारमण ने यह जानकारी दी. सदस्यों ने पूछा था कि क्या स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों एवं कंपनियों द्वारा जमा की गई राशि में वृद्धि दर्ज की गई है? इसके जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा को बताया कि विदेशी परिसंपत्तियों से संबंधित पनामा पेपर लीक्स, पैराडाइज पेपर लीक्स और हाल ही में सामने आए पैंडोरा पेपर लीक्स जैसे मामलों में तेज एवं समन्वित जांच करने के लिये सरकार ने एक बहु एजेंसी दल (एमएजी) का गठन किया है जिसमें प्रवर्तन एजेंसियों/संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं.

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वित्त मंत्री ने बताया, ‘‘भारतीय नागरिकों और कंपनियों द्वारा स्विस बैंकों में कितना धन जमा है, इसका कोई सरकारी अनुमान नहीं है. हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के धन में वर्ष 2020 की तुलना में 2021 में बढ़ोत्तरी हुई है.’’ उन्होंने कहा कि इन मीडिया रिपोर्टों में यह भी उल्लेख मिलता है कि इन जमा राशियों से यह संकेत नहीं मिलता है कि स्विटजरलैंड में कथित तौर पर भारतीयों द्वारा जमा किए गए कालाधन की मात्रा कितनी है. उन्होंने बताया कि इस विषय पर स्विस अधिकारियों ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि स्विस नेशनल बैंक (Swis National Bank) द्वारा प्रकाशित किये जाने वाले आंकड़ों का भारतीय मीडिया स्विस वित्तीय संस्थानों में भारतीय निवासियों की परिसम्पत्तियों की राशि का विश्वसनीय सूचकों के रूप में नियमित रूप से उल्लेख करता रहता है.

सीतारमण ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट में इस बात पर ध्यान नहीं दिया गया है कि इन आंकड़ों की किस प्रकार से व्याख्या की जाए जिसके कारण गुमराह करने वाले शीर्षक और विश्लेषण सामने आए हैं . इसके अलावा बार बार यह मान लिया जाता है कि भारतीय नागरिकों द्वारा स्विटजरलैंड में जमा धन अघोषित ही है. उन्होंने बताया कि 31 मई 2022 तक कालाधन तथा कर अधिरोपण अधिनियम 2015 के तहत 368 मामलों का आकलन कार्य पूरा हो गया है और 14,820 करोड़ रूपये कर की मांग रखी गई है.

वित्त मंत्री ने बताया कि 31 मई 2022 तक एचएसबीसी में विदेशी बैंक खाते में बिना बताए रकम जमा करने के मामले में अब तक 8,468 करोड़ रूपये से अधिक की अघोषित आय को कर के दायरे में लाया गया है और 1,294 करोड़ रूपये से अधिक का दंड लगाया गया है. उन्होंने कहा कि कालाधन (अघोषित विदेशी आय और परिसम्पत्ति) तथा कर अधिरोपण अधिनियम 2015 के तहत 648 घोषणाएं की गई हैं जिसमें 4,164 करोड़ रूपये की विदेशी परिसंपत्ति शामिल थी . इसकी घोषणा तीन माह की अनुपालन खिड़की योजना के तहत एकबारगी की गई थी. उन्होंने कहा कि यह योजना 30 सितंबर 2015 को बंद कर दी गई थी . ऐसे मामलों में कर और दंड के रूप में लगभग 2,476 करोड़ रूपये की राशि संग्रहित की गई थी.

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