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Russia Ukraine War: मनीष तिवारी बोले- काश ! भारत ने यूक्रेन की जनता के प्रति एकजुटता दिखाते हुए UNSC में वोट‍िंंग की होती

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के 'आक्रामक बर्ताव' को लेकर कहा, मित्र जब गलत हों तो उन्हें यह बताने की जरूरत है कि वो गलत हैं

Published: February 26, 2022 4:15 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Laxmi Narayan Tiwari

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(फाइल फोटो)

Russia Ukraine War, नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के ‘आक्रामक बर्ताव’ की कड़े शब्दों में निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर हुए मतदान में भारत के हिस्सा नहीं लेने के बाद शनिवार को कहा कि भारत को यूक्रेन के लोगों के साथ एकजुटता प्रकट करते हुए मतदान में भाग लेना चाहिए था. उन्होंने ट्वीट किया, ”ऐसे समय आते हैं जब राष्ट्रों को खड़े होने और बिल्कुल अलग खड़े नहीं होने की जरूरत होती है. काश भारत ने सुरक्षा परिषद में यूक्रेन की उस जनता साथ एकजुट प्रकट करते हुए मतदान किया होता, जो अप्रत्याशित और अनुचित आक्रमण का सामना कर रही है. मित्र जब गलत हों तो उन्हें यह बताने की जरूरत है कि वो गलत हैं.

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भारत ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के आक्रामक बर्ताव की कड़े शब्दों में निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर हुए मतदान में हिस्सा नहीं लिया. सुरक्षा परिषद में यह प्रस्ताव अमेरिका की तरफ से पेश किया गया था. भारत ने युद्ध को तत्काल समाप्त करने की मांग करते हुए कहा कि मतभेदों को दूर करने के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है.

यूक्रेन संकट पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस की निंदा वाले प्रस्ताव पर भारत ने मतदान नहीं करके बीच का कोई रास्ता निकालने और बातचीत और कूटनीति को बढ़ावा देने के लिए सभी संबंधित पक्षों तक पहुंचने का विकल्प खुला रखा है. दरअसल यूक्रेन के खिलाफ रूस के आक्रामक बर्ताव की कड़े शब्दों में निंदा करने वाले एक प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मतदान हुआ, जिसमें भारत ने हिस्सा नहीं लिया. सुरक्षा परिषद में यह प्रस्ताव अमेरिका की तरफ से पेश किया गया था.

यह प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में पारित नहीं हो सका क्योंकि परिषद के स्थायी सदस्य रूस ने इस पर वीटो किया. भारत यूक्रेन में हुए हालिया घटनाक्रम से बेहद चिंतित है और वह मतभेदों का एकमात्र हल बातचीत के जरिए संभव है के अपने सतत और संतुलित रुख पर कायम है. प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लेने पर भारत ने ‘एक्सप्लनेशन ऑफ वोट’जारी किया, जिसमें उसने कूटनीति के रास्ते पर वापस लौटने की अपील की.

सूत्रों ने बताया कि भारत ने देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की बात कही, साथ ही हिंसा और युद्ध को तत्काल रोकने की मांग की,जैसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बातचीत में मोदी ने पुतिन से कहा था.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन पर रूस के हमले से पैदा हुई स्थिति के मद्देनजर बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की और तत्काल हिंसा रोकने की अपील करते हुए सभी पक्षों से कूटनीतिक बातचीत और संवाद की राह पर लौटने के ठोस प्रयास करने का आह्वान किया था. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर सूत्रों ने बताया कि भारत ने सभी सदस्य देशों से संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करने की मांग की, क्योंकि ये रचनात्मक मार्ग मुहैया कराते हैं. (इनपुट: भाषा) 

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Published Date: February 26, 2022 4:15 PM IST