
IIT Kharagpur की रिसर्च: Rs.400 रुपए की अल्ट्रा-पोर्टेबल डिवाइस, 1 घंटे में देगी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट
आईआईटी मद्रास ने रिस्टबैंड बनाया है, जो शरुआती स्तर पर ही किसी इंसान को कोरोना संक्रमण के बारे में बता सकता है

नई दिल्ली: देश में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के बीच देश के भारतीय तकनीक संस्थानों ने अच्छी खबर दी है. आईआईटी खड़गपुर के रिसर्चर्स ने दावा किया है कि उनकी विकसित एक अल्ट्रा-पोर्टेबल डिवाइस, जिसकी कीमत मात्र 400 रुपए है, जो एक घंटे में कोरोना की टेस्ट रिपोर्ट दे देगी. खास बात ये हैं कि इसमें किसी भी तरह की मैनुअल व्याख्या की जरूरत नहीं है. वहीं, आईआईटी मद्रास ने हाथ में पहनने वाला बैंड बनाया, कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षणों पर नजर
रखेगा.
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न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, IIT खड़गपुर के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि COVID19 रैपिड टेस्ट के लिए एक नॉवेल तकनीक विकसित की गई है. अल्ट्रा-पोर्टेबल डिवाइस की कीमत 400 रुपए है. कस्टमाइज स्मार्टफोन अप्लिकेशन संक्रमण के प्रसार के टेस्ट का एक घंटे के अंदर बिना किसी मैन्युअल व्याख्या के रिजल्ट्स दे देगा.
IIT Kharagpur researchers claim to have developed a novel technology for #COVID19 rapid test. Ultra-portable device to cost Rs 400.
Customized smartphone application to disseminate test results within 1 hour, without requiring manual interpretation. pic.twitter.com/rkZDvNpXTh — ANI (@ANI) July 25, 2020
IIT खड़गपुर के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि COVID19 रैपिड टेस्ट के लिए एक नॉवेल तकनीक विकसित की गई है. अल्ट्रा-पोर्टेबल डिवाइस की कीमत 400 रुपए है. मैनुअल व्याख्या की आवश्यकता के बिना 1 घंटे के भीतर परीक्षण के परिणामों को प्रसारित करने के लिए अनुकूलित स्मार्टफोन एप्लिकेशन.
आईआईटी मद्रास ने हाथ में पहनने वाला बैंड बनाया, कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षणों पर रखेगा नजर
न्यूज एजेंसी पीटीआई/ भाषा के मुताबिकख् आईआईटी मद्रास ने कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए हाथ में पहनने वाला एक ऐसा बैंड बनाया है जो एकदम शुरुआती स्तर पर ही किसी इंसान को संक्रमण के बारे में बता सकता है. यह बैंड अगले माह तक बाजार में आ सकता है.
आईआईआईटी मद्रास में स्टार्ट अप ”म्यूज वियरेबेल्स” की शुरुआत पूर्व छात्रों के एक समूह ने एनआईटी वारंगल के पूर्व छात्रों के साथ मिल कर की है. इन ट्रैकर्स को 70 देशों में लांच करने की योजना है. हाथ के ट्रैकर में शरीर के तापमान को मापने, हृदय गति तथा एसपीओ2 (ब्लड ऑक्सीजन सघनता) को मापने के लिए सेंसर लगे है, जो लगातार इन पर नजर रख कर संक्रमण के शुरुआती स्तर में ही पता लगाने में मदद कर सकता है.
यह ट्रैकर ब्लूटूथ से चलेगा और इसे म्यूज हेल्थ ऐप के जरिए मोबाइल फोन से जोड़ा जा सकता है. उपयोगकर्ता के शरीर से जुड़ी तथा अन्य गतिविधियों की जानकारी फोन तथा दूरस्थ सर्वर में इकट्ठा हो जाएगी. उपयोगकर्ता यदि किसी निरुद्ध क्षेत्र में जाता है तो आरोग्य सेतु ऐप के जरिए उसे संदेश मिल जाएगा.
आईआईटी मद्रास के पूर्व छात्र केएलएनसाई प्रशांत ने बताया, ”हमारा इस वर्ष दो लाख उत्पाद की ब्रिकी का लक्ष्य है और 2020 तक पूरी दुनिया में 10 लाख ट्रैकर बेचने की योजना है. निवेशकों को हमारे नवोन्मेष पर भरोसा है और उन्हें लगता है कि हम उपभोक्ता तकनीक जगत में भारी बदलाव ला सकते हैं. हम 22 करोड़ रुपए इकट्टा करने में सफल हो गए हैं.”
इस ट्रैकर की कीमत 3500 रुपए है और यह 70 देशों में अगस्त तक आ जाएगा. एनआईटी वारंगल से स्नातक के. प्रत्यूषा ने कहा,‘‘ हमारा मुख्य उद्देश्य ऐसे मरीजों की पहचान में मदद करना है, जिन्हें कोविड निमोनिया पहले हो सकता है, ताकि उनका और प्रभावी तरीके से इलाज किया जा सके.’’
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