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INDIA-CHINA: EAM एस जयशंकर ने बताया चीनी विदेश मंत्री के साथ तीन घंटे तक क्‍या बातें हुईं

विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ दिल्‍ली में तीन घंटे तक वार्ता चली

Published: March 25, 2022 5:10 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Laxmi Narayan Tiwari

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एस जयशंकर

नई दिल्ली: भारत और चीन (INDIA-CHINA) के बीच चल रहे तनाव के बीच और यूक्रेन पर जारी रूस के हमलों के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर (EAM Dr S Jaishankar) ने आज शुक्रवार को चीनी विदेश समकक्ष वांग यी (Chinese Foreign Minister Wang Yi) के साथ तीन घंटे तक हुई चर्चा के बाद बताया कि उनकी किन- किन मुद्दों पर क्‍या क्‍या बातें हुईं हैं. जयशंकर ने कहा कि पूर्वी लद्दाख को लेकर भारत और चीन के बीच वर्तमान स्थिति के संबंध में कार्य प्रगति पर है. हालांकि इसकी गति धीमी है. उन्होंने कहा कि सीमा पर दोनों पक्षों की ओर से भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती किए जाने के मद्देनजर भारत और चीन के संबंध सामान्य नहीं हैं और सामान्य संबंधों को फिर से बहाल करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांतिपूर्ण माहौल बनाए जाने की आवश्यकता होगी.

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जयशंकर ने भारत की यात्रा पर आए चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ लगभग तीन घंटे तक हुई चर्चा के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में यह बात कही.

पूर्वी लद्दाख गतिरोध के मुद्दे पर पीछे हटने के मुद्दा सबसे अहम

वांग और जयशंकर ने बताया कि कि दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख गतिरोध के मुद्दे पर वरिष्ठ सैन्य कमांडर के स्तर पर 15 दौर की वार्ता हो चुकी है और इसमें पीछे हटने के संबंध में संघर्ष के कई क्षेत्रों को लेकर प्रगति दर्ज की गई है. विदेश मंत्री ने कहा, ”इसे आगे बढ़ाए जाने की जरूरत है, क्योंकि पीछे हटने की प्रक्रिया का पूर्ण होना इस पर बातचीत के लिए जरूरी है. उन्होंने कहा, ”मैं वर्तमान स्थिति के लिए कहूंगा कि कार्य प्रगति पर है (वर्क इन प्रोग्रेस). स्वाभाविक तौर पर यह वांछित स्तर से धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है.” उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री के साथ उनकी बातचीत इस प्रक्रिया को गति देने पर केंद्रित थी.

चीनी विदेश मंत्री लगभग तीन घंटे तक खुले रूप से वास्तविक एजेंडे पर स्पष्ट बात हुई

जयशंकर ने कहा कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ लगभग तीन घंटे तक खुले रूप से वास्तविक एजेंडे पर स्पष्ट और व्यापक तरीके से बात हुई. उन्होंने कहा हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की जो अप्रैल 2020 से चीनी कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप प्रभावित हुए हैं.”

सामान्य रिश्ते के लिए एलएसी पर अप्रैल 2020 के पहले की स्थिति बहाल होना जरूरी

विदेश मंत्री ने कहा हमने चीन के विदेश मंत्री को देश की भावना से अवगत करा दिया कि अप्रैल 2020 के पहले की स्थिति बहाल होना सामान्य रिश्ते के लिए जरुरी है. जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध पर कहा कि सीमा पर दोनों पक्षों की ओर से भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती की गई है, स्पष्ट रूप से सीमा क्षेत्रों में स्थिति सामान्य नहीं है और वहां शांति और स्थिरता प्रभावित हुई है. जयशंकर ने कहा कि सामान्य संबंधों को फिर से बहाल करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांतिपूर्ण माहौल बनाए जाने की आवश्यकता होगी. उन्होंने कहा कि चीनी विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर स्पष्टता से बातचीत हुई.

‘अगर आप पूछेंगे कि स्थिति सामान्य है, तब मेरा जवाब होगा कि ‘नहीं, यह सामान्य नहीं है

जयशंकर ने कहा ”अगर आप पूछेंगे कि स्थिति सामान्य है, तब मेरा जवाब होगा कि ‘नहीं, यह सामान्य नहीं है.” उन्होंने कहा कि जब तक इतने बड़े पैमाने पर सीमा पर तैनाती रहेगी, सीमा पर स्थिति सामान्य नहीं होगी. विदेश मंत्री ने कहा अभी भी हमारे संघर्ष के क्षेत्र हैं, हमने कुछ ऐसे ही क्षेत्रों में समाधान निकालने में प्रगति की है और आज हमारी बातचीत इसे आगे ले जाने को लेकर हुई.

चीन में पढ़ने वाल मेडिकल छात्रों की दुर्दशा को भी दृढ़ता से रखा

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा, मैंने चीन में पढ़ रहे भारतीय छात्रों की दुर्दशा को भी दृढ़ता से रखा, जिन्हें COVID प्रतिबंधों का हवाला देते हुए वापस जाने की अनुमति नहीं है. हमें उम्मीद है कि चीन भेदभाव रहित रुख अपनाएगा, क्योंकि इसमें कई युवाओं का भविष्य शामिल है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मुझे आश्वासन दिया कि वापस जाने के बाद इस मामले में संबंधित अधिकारियों से बात करेंगे. उन्होंने इस कठिन परिस्थिति में मेडिकल छात्रों की विशेष चिंताओं को भी समझा.

यूक्रेन पर हमने बातचीत को प्राथमिकता बताया

एस. जयशंकर ने कहा, यूक्रेन पर हमने अपने-अपने दृष्टिकोणों और परिप्रेक्ष्य पर चर्चा की, लेकिन सहमति व्यक्त की कि डिप्लोमसी और बातचीत को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ क्वाड बैठक पर कोई चर्चा नहीं हुई.

पूर्वी लद्दाख विवाद और यूक्रेन संकट के बीच चीनी विदेश मंत्री भारत आए

जयशंकर ने शुक्रवार को चीन के अपने समकक्ष वांग यी से मुलाकात की. इस दौरान दोनों के बीच पूर्वी लद्दाख विवाद और यूक्रेन संकट से पैदा हुई भू-राजनीतिक उथल-पुथल समेत विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई. वांग बृहस्पतिवार की शाम काबुल से दिल्ली पहुंचे थे.

OIC सम्मेलन में चीन के बयान को लेकर भी चर्चा हुई

OIC सम्मेलन में चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बयान पर पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा, हां यह सवाल आया था. मैंने इसका जिक्र किया. मैंने उन्हें समझाया कि हमें वह बयान आपत्तिजनक क्यों लगा. यह एक ऐसा विषय था जिस पर कुछ देर तक चर्चा हुई. एक बड़ा संदर्भ भी था. विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा, मैंने बताया कि हम आशा करते हैं कि चीन भारत के संबंध में एक स्वतंत्र नीति का पालन करेगा और अपनी नीतियों को अन्य देशों और अन्य संबंधों से प्रभावित नहीं होने देगा. (इनपुट: भाषा) 

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