
India Gate पर जलनेवाली Amar Jawan Jyoti के विलय मामले पर राहुल गांधी ने जताया विरोध, मिला ये जवाब, जानिए
दिल्ली स्थित India Gate पर जलनेवाली Amar Jawan Jyoti का आज राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जल रही लौ में विलय कर दिया जाएगा. इस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विरोध जताया है, केंद्र सरकार की तरफ से उन्हें ये जवाब दिया गया है, जानिए....

Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के इंडिया गेट (India Gate) पर जलने वाली अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) का आज राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) पर जल रही लौ में विलय किया जाएगा. रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, शुक्रवार दोपहर अमर जवान ज्योति का एक हिस्सा नेशनल वॉर मेमोरियल ले जाया जाएगा. दिन के 3.30 बजे दोनों लौ का विलय समारोह होगा. दोनों स्मारकों के बीच की दूरी मुश्किल से आधा किलोमीटर है. केंद्र सरकार के इस फैसले का कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने विरोध किया है. राहुल गांधी ने कहा है कि कुछ लोग देशप्रेम और बलिदान नहीं समझ सकते हैं. अमर जवान ज्योति इंडिया गेट पर पिछले 50 साल से जल रही है.
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राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा है कि,
बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा।
कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं…
हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएँगे!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 21, 2022
केंद्र सरकार ने राहुल गांधी को दिया जवाब
राहुल गांधी के इस ट्वीट पर भारत सरकार ने कहा है कि, विडंबना ही है कि जिन लोगों ने 7 दशकों तक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं बनाया, वे अब हमारे शहीदों को स्थायी और उचित श्रद्धांजलि देने पर हंगामा कर रहे हैं. 1971 और उसके पहले और बाद के युद्धों सहित सभी युद्धों के सभी भारतीय शहीदों के नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में रखे गए हैं. इसलिए शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करना एक सच्ची ‘श्रद्धांजलि’ है.
सरकार की तरफ से कहा गया है कि अमर जवान ज्योति की लौ बुझ नहीं रही है. इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में ज्वाला में मिला दिया जा रहा है. यह देखना एक अजीब बात थी कि अमर जवान ज्योति की लौ ने 1971 और अन्य युद्धों के शहीदों को श्रद्धांजलि दी, लेकिन उनका कोई भी नाम वहां मौजूद नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी 2019 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था, जहां 25,942 सैनिकों के नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखे गए हैं.
जानिए अमर जवान ज्योति के बारे में
अमर जवान ज्योति की स्थापना उन भारतीय सैनिकों की याद में की गई थी, जोकि 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे. इस युद्ध में भारत की विजय हुई थी और बांग्लादेश का गठन हुआ था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को इसका उद्घाटन किया था.
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