
मौसम विभाग के आंकड़ों ने बढ़ाई चिंता: देश के 20 राज्यों में प्री-मॉनसून ने दिखाई बेरुखी, कम बारिश से बढ़ेगी परेशानी
मौसम वैज्ञानिकों ने देश के 20 राज्यों में प्री-मॉनसून में हुई कम बारिश को लेकर चिंता जाहिर की है. आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक मार्च-अप्रैल में मात्र 11 फीसदी बारिश दर्ज की गई है, जिससे खरीफ फसलों और सब्जियों-फलों की सिंचाई के साथ ही पानी का संकट गहरा सकता है.

India Meteorological Department: भारत मौसम विज्ञान ने प्री-मॉनसून बारिश को लेकर जो आंकड़े जारी किए हैं वो काफी चिंताजनक हैं. आईएमडी द्वारा प्री-मॉनसून बारिश के लिए जारी आंकड़ों से पता चलता है कि 1 मार्च से 25 अप्रैल तक बीस राज्यों में प्री-मॉनसून बारिश काफी कम दर्ज की गई है. इस कारण इन राज्यों में पानी की समस्या, खासकर खरीफ फसलों की सिंचाई के लिए पानी की समस्या उत्पन्न हो सकती है.
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कम बारिश से खरीफ की फसलों को होगा नुकसान
आईएमडी के मुताबिक मार्च और अप्रैल-इन दो महीनों में बारिश की कमी के साथ ही लू की लहर से मौसम बहुत ही रूखा रहा है. ऐसे में फलों और सब्जियों की सिंचाई के लिए पानी के श्रोतों में भी कमी आई है. अभीतक इन राज्यों में गर्मी से राहत नहीं मिली है. ऐसे में सब्जियों और फलों के दाम भी बढ़े हैं. खासकर ये मौसम और बारिश की कमी, गन्ना और कपास के लिए सिंचाई को प्रभावित कर सकती है, इसके अलावा कुछ हद तक पूर्व-खरीफ बुवाई गतिविधि को भी प्रभावित कर सकती है.
मौसम वैज्ञानिकों ने जताई गहरी चिंता
मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि कई नदी घाटियों में इस पूरे मौसम में बारिश नहीं हुई, जबकि कई अन्य राज्यों में भी काफी कम बारिश दर्ज की गई, जिससे बांध के पानी के उपयोग पर अधिक दबाव पड़ सकता है. भारत में प्री-मानसून वर्षा भारत की वार्षिक वर्षा का लगभग 11% है.
आईएमडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, “यदि किसी नदी के बेसिन में कम या कोई वर्षा नहीं होती है, तो ऐसे बेसिनों में जलाशयों पर विभिन्न आबादी की जरूरतों के लिए पानी उपलब्ध कराने का अधिक दबाव होगा. यह अंततः बांध के जल स्तर को प्रभावित करेगा.”
हो सकता है जल संकट
अधिकारी ने कहा कि कम प्री-मानसून बारिश किसानों की सिंचाई आवश्यकताओं को बढ़ा सकती है, जिसका मतलब जलाशयों में उपलब्ध पानी की अधिक मांग होगी. 24 अप्रैल तक आईएमडी के वर्षा के आंकड़ों से पता चला है कि महाराष्ट्र में अधिकांश नदी घाटियों में अब तक कम बारिश दर्ज नहीं की गई है, जिसमें राज्य में 60-100% की कमी आई है.
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