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भारत ने गेहूं से भरे 50 ट्रक अफ‍गानिस्‍तान के लिए रवाना किए, पाकिस्तान के वाघा सीमा पर पहुंची खेप

भारत ने अटारी सीमा के जरिए सड़क मार्ग से मानवीय सहायता के रूप में 2500 मिट्रिक टन गेहूं की पहली खेप अफगानिस्तान के लिए रवाना की

Published: February 22, 2022 11:39 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Laxmi Narayan Tiwari

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India had extended assistance to the Afghan people and it has already dispatched several shipments of humanitarian assistance consisting of 20,000 metric tonnes of wheat and others. (File Photo)

नई दिल्‍ली/ लाहौर: भारत (India) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) के लिए अटारी सीमा के जरिए सड़क मार्ग से मानवीय सहायता के रूप में 2500 मिट्रिक टन गेहूं की पहली खेप रवाना की. अफगानिस्तान के 26 ट्रक गेहूं की खेप को लेकर कर मंगलवार शाम को वाघा सीमा पहुंचे. पाकिस्तानी सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. बता दें कि भारत ने मंलवार को गेहूं से भरे 50 ट्रक अफ‍गानिस्‍तान के लिए रवाना किए. भारत सरकार ने अफगानिस्तान के लोगों को 50 हजार मिट्रिक टन गेहूं तोहफे के रूप में देने का निर्णय किया था. दरअसल, संयुक्त राष्ट्र ने अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के लिए की अपील की थी, जिसके मद्देनजर भारत ने यह कदम उठाया है.

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सीमा शुल्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘ मंगलवार शाम तक अफगानिस्तान के करीब 26 ट्रक भारत के अटारी सीमा से गेहूं की खेप लेकर वाघा सीमा पर पहुंचे. उम्मीद है कि शाम के बाद बाकी ट्रक भी पाकिस्तान में प्रवेश कर लेंगे जो कि अफगानिस्तान रवाना होंगे.’ उन्होंने बताया कि ये ट्रक पुख्ता सुरक्षा इंतजाम के साथ अफगानिस्तान रवाना होंगे.

इससे पहले, भारत के विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, ”22 फरवरी को अमृतसर में एक समारोह में सड़क मार्ग से पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान के लिये मानवीय सहायता के तहत 50 ट्रकों में 2500 मिट्रिक टन गेहूं की पहली खेप रवाना की गई. इस समारोह में विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला के साथ अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मंमूदजई और विश्व खाद्य कार्यक्रम के कंट्री निदेशक बी पराजुली मौजूद थे. मंत्रालय ने कहा कि अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के लिए संयुक्त राष्ट्र की अपील के मद्देनजर भारत सरकार ने अफगानिस्तान के लोगों को 50 हजार मिट्रिक टन गेहूं तोहफे के रूप में देने का निर्णय किया था.

इसमें कहा गया है कि इसकी आपूर्ति भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के माध्यम से होगी और इसे आईसीपी अटारी (भारत) द्वारा अफगानिस्तान के परिवहनकर्ताओं के जरिये जलालाबाद (अफगानिस्तान) पहुंचाया जाएगा.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह खेप भारत सरकार की ओर से अफगानिस्तान के लोगों को 50 हजार मिट्रिक टन गेहूं आपूर्ति करने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है. मानवीय सहायता के रूप में गेहूं की आपूर्ति कई खेप में की जायेगी और अफगानिस्तान के जलालाबाद में संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम को सौंपी जाएगी. इसमें कहा गया है कि इस संबंध में भारत सरकार ने अफगानिस्तान में गेहूं वितरित करने के लिये विश्व खाद्य कार्यक्रम के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था.

मंत्रालय ने कहा कि भारत, अफगानिस्तान के लोगों के साथ विशेष संबंधों को लेकर प्रतिबद्ध है और इस दिशा में भारत ने पहले ही अफगानिस्तान को कोविड रोधी टीके की 5 लाख खुराक,13 टन आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं और गरम कपड़ों से जुड़ी सामग्री की आपूर्ति की है.

बता दें कि कि भारत ने सड़क मार्ग से पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान को 50,000 टन गेंहू भेजने के लिए ट्रांजिट सुविधा का अनुरोध करते हुए सात अक्टूबर, 2021 को इस्लामाबाद को प्रस्ताव भेजा था, जिस पर उसे 24 नवंबर, 2021 को जवाब मिला. पाकिस्तान से मिले जवाब के आधार पर दोनों पक्षों ने मिलकर परिवहन से जुड़ी सारी बातचीत तय की.

मानवीय सहायता के प्रयासों के तहत अफगानिस्तान को पिछले कुछ महीनों से भारत से भेजी जा रही जीवनरक्षक दवाओं सहित तमाम अन्य आवश्यक वस्तुओं में दवाओं की पिछली खेप शनिवार को ही पहुंची है, जो भारत से अफगानिस्तान भेजी जा रही सामग्री की पांचवीं खेप थी. (इनपुट भाषा)

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Published Date: February 22, 2022 11:39 PM IST